करइल के सैकड़ों एकड़ खेत खेती से वंचित

नहीं दिख रहा किसानों की सुधि लेने वाला रहनुमा


गाजीपुर। जनपद के जोगामुसाहिब – करीमुद्दीनपुर के बीच मंगई नदी प्रायः बरसात बाद उफान ले लेती ही है। मध्य अक्टूबर में इन दोनों गांवो की सैकड़ो एकड़ जमीन पर आजमगढ़ की शारदा नहर से छोड़े गए पानी ने कब्जा जमा रखा है तो कोई दौलतपुर में मछली पकड़ने के लिए जाल फैलाये बैठा है। इन सबके चलते किसानों की बदहाली का कोई पुरसाहाल नहीं है। किसान बेहाल-परेशान अपनी जमीन के निखरने का इंतजार करते हुए विकास का प्रतिमान गढ़ते सिक्स लेन पर भागते वाहनों को निहारते दिन रात गुजार रहे हैं।
किसानों का कहना है कि ऐसा लगभग हर साल होता है और पूरा करइल बेल्ट इस दंश को झेलने के लिए अभिशप्त है। किसानों को अन्नदाता कहते यह सरकार थकती नहीं, पर उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं दिखता। वैसे राजनीति में दमखम रखने वाले व्यक्तित्व भी यहां नहीं उभर पाए जो प्रशासन का हाथ पकड़ इस पानी भरे खेत मे खड़ा कर अपनी दुर्दशा का एहसास करा पाते। किसानों की सुधि लेने वाला कोई रहनुमा दूर दूर तक दिखाई नहीं देता है। लोगों ने अब सब कुछ नियति भरोसे छोड़ दिया है, लगता है कि यही तो सरकारें चाहती हैं।

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