ईंट-भट्ठा के लिए गाइडलाइन जारी 

गाज़ीपुर । प्रमुख सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, भूत्तव एवं खनिकर्म अनुभाग लखनऊ द्वारा ईट भट्ठा सत्र 2024-25 के लिए उ.प्र. उपखनिज (परिहार) नियमावली, 2021 के नियम-21(2) के अनुसार ईट-भट्ठा मालिकों से पायों के आधार पर विनियमन शुल्क नियमानुसार लिये जाने का निर्णय लिया गया है।


जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने कहा है कि शासनादेश में निर्देशित है कि ईट भट्ठा स्वामी को पोर्टल पर ऑनलाईन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ रू0 2000 का आवेदन शुल्क, ईट भट्ठा स्वामी का विवरण, भट्ठा स्थल का विवरण, भट्ठा का प्रकार (सामान्य/जिग-जैग), पायों की संख्या, ईट-मिट्टी के खनन क्षेत्र का विवरण, भट्ठा- सत्र सहित वांछित विवरण फीड करना होगा। ईट भट्ठा स्वामी को आवेदन-पत्र के साथ ईट-भट्ठे के सम्बन्ध में रायल्टी/विनियमन शुल्क बकाया न होने का शपथ -पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। फीड की गयी सूचना के अनुसार ईट भट्ठों के पायो की संख्या के आधार पर विनियमन शुल्क एवं पलोथन की धनराशि अग्रिम रूप से पोर्टल पर प्रदर्शित लिंक के माध्यम से ऑनलाईन भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के लेखाशीर्षक ‘‘ 0853- अलौह खनन तथा धातुकर्म उद्योग- 102- खनिज रियायत शुल्क किराया और स्वत्व शुल्क‘‘ में जमा की जायेगी। विनियमन शुल्क आनलाईन जमा करने पर ईट भट्ठा स्वामी ‘‘विनियमन शुल्क जमा का प्रमाण-पत्र‘‘ पोर्टल से जनित कर सकेंगे। ईट- भट्ठा स्वामियों द्वारा विनियमन शुल्क अग्रिम रूप से जमा किये जाने के उपरान्त ही ईट भट्ठे का संचालन किया जायेगा। विनियमन शुल्क की धनराशि जमा किये बिना संचालित ईट भट्ठों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। ईट मिट्टी के लिये देय विनियमन शुल्क की धनराशि के दस प्रतिशत के समतुल्य धनराशि, ईट बनाने के काम आने वाली पलोथन मिट्टी (बलुई मिट्टी) के लिये ईट- भट्ठा स्वामियों द्वारा जमा किया जाना होगा। दिनांक 30 नलम्ऊ.2024 तक जमा की गयी विनियमन शुल्क की धनराशि पर किसी प्रकार का ब्याज देय नही होगा किन्तु उक्त तिथि के उपरान्त जमा की गयी धनराशि पर नियमानुसार ब्याज देय होगा।

 

 

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