डॉ विजयानन्द का माघ मेला में हुआ अभिनंदन

प्रयागराज। हिंदी के सुपरिचित वरिष्ठ साहित्यकार एवं वैश्विक हिंदी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विजयानन्द को विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार की ओर से पूज्य शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती जी के मुख्यआतिथ्य में माघ मेला, प्रयागराज में अभिनंदित किया गया। 

       स्वागताध्यक्ष परशुराम अखाड़ा के सुदर्शन जी महाराज,विशेष अतिथि हैदराबाद के जयपाल नयाल जी रहे तथा संयोजन,संचालन कवि इंद्रजीत तिवारी निर्भीक ने किया।         ज्ञातव्य हो कि डॉ० विजयानन्द जी विभिन्न संस्थाओं में सचिव,महामंत्री,निदेशक- रिसर्च फाउंडेशन ,सं.इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय,नई दिल्ली,का०अध्यक्ष- अखिल भारतीय साहित्य परिषद, प्रयागराज, अध्यक्ष -काशी प्रांत,राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व हिंदी महासभा, नई दिल्ली जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं। हिन्दी साहित्य की लगभग सभी विधाओं में कुल 81 पुस्तकें प्रकाशित हैं। अमेरिका के रामकाव्य पीयूष, कृष्णकाव्य पीयूष सहित, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर , मारीशस , मलेशिया फिजी आदि अनेक देशों के काव्य संग्रहों,पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। भारत के कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर एम०फिल, पीएचडी का शोध कार्य चल रहा है। वे अमेरिकन रिसर्च इंस्टीट्यूट के दो बार सलाहकार रहे। भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार सहित, देश विदेश की अनेकों संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किए जा चुके हैं।

         ज्ञातव्य हो कि डॉ० विजयानन्द जी विभिन्न संस्थाओं में सचिव,महामंत्री,निदेशक- रिसर्च फाउंडेशन ,सं.इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय,नई दिल्ली,का०अध्यक्ष- अखिल भारतीय साहित्य परिषद, प्रयागराज, अध्यक्ष -काशी प्रांत,राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व हिंदी महासभा, नई दिल्ली जैसे पदों पर कार्य कर चुके हैं। हिन्दी साहित्य की लगभग सभी विधाओं में कुल 81 पुस्तकें प्रकाशित हैं। अमेरिका के रामकाव्य पीयूष, कृष्णकाव्य पीयूष सहित, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर , मारीशस , मलेशिया फिजी आदि अनेक देशों के काव्य संग्रहों,पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रही हैं। भारत के कई विश्वविद्यालयों में उनके साहित्य पर एम०फिल, पीएचडी का शोध कार्य चल रहा है। वे अमेरिकन रिसर्च इंस्टीट्यूट के दो बार सलाहकार रहे। भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार सहित, देश विदेश की अनेकों संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किए जा चुके हैं।

वैश्विक हिंदी महासभा के देश भर के लगभग सभी प्रदेशों, प्रांतों के पदाधिकारियों, सदस्यों तथा प्रयागराज के बुद्धिजीवियों ने उन्हें इस सम्मान के लिए बधाई दी है।

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