नक्सली हमले में शहीद अखिलेश राय का शव पहुंचा उनके गांव

श्रद्धांजलि देने वालों की आंखें रहीं नम 

गाजीपुर। छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में ड्यूटी के दौरान शहीद जवान अखिलेश राय पुत्र स्व. छब्बन राय का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव शेरपुर खुर्द पहुंचा। शव के पहुंचते ही गांव में भारी भीड़ उमड़ पड़ी। गगनभेदी नारों के बीच पूरा माहौल गमगीन रहा।

शव को देखते ही परिजनों में कोहराम मच गया। उनकी चीत्कार से सभी की आंखें नम हो गईं। शव पर श्रद्धांजलि देने वालों का हुजूम उमड़ पड़ा। सामाजिक, राजनीतिक मतभेद भुलाकर सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, क्षेत्रीय वरिष्ठ जनों तथा ग्रामीणों ने शेरपुर की शहीदी धरती के लाल को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। पिता की शहादत से गर्वित पुत्रियों व पुत्र ने भी उनकी शहादत को नमन करते हुए नारे लगाये।

     

       उनके पार्थिव शरीर पर जिलाधिकारी आर्यका अखौरी और पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। उनका अंतिम संस्कार शेरपुर गंगा किनारे स्थित श्मशान घाट पर किया गया। मुखाग्नि उनके पुत्र अतुल कुमार राय ने दी। इसके पूर्व हजारों की संख्या में लोग शहीद के शव के साथ गगनभेदी नारे लगाते हुए गंगा किनारे स्थित श्मशान घाट पहुंचे जहां सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी।

     बताते चलें कि थाना भांवरकोल क्षेत्र अंतर्गत शेरपुर खुर्द गांव के अखिलेश राय पुत्र स्व. छब्बन राय बीएसएफ के जवान थे। वर्तमान में वे छत्तीसगढ़ में मुख्य आरक्षी (एचसी) जीडी के पद पर कार्यरत थे। गत चौदह दिसम्बर बृहस्पतिवार को छत्तीसगढ़ के कांकेर के प्रतापपुर थाना क्षेत्र के सड़क टोला गांव में बीएसएफ व जिला पुलिस के जवान संयुक्त रूप से गस्त कर रहे थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे नक्सलियों के बारूदी सुरंग विस्फोट में अखिलेश राय शहीद हो गए। 

         शहीद के चचेरे भाई पिंटू राय ने बताया कि चौदह दिसम्बर बृहस्पतिवार को दोपहर लगभग बारह बजे अखिलेश राय ने फोन कर बातचीत किया था और गांव परिवार की कुशलक्षेम पूछी थी। उसके बाद उसी दिन करीब तीन बजे उनके साथी जवान ने फोन पर बताया कि अखिलेश राय शहीद हो गए हैं। इस बात की जानकारी होते ही माता शारदा देवी, पत्नी विंध्या राय, पुत्री श्रुति, कीर्ति, जागृति और पुत्र अतुल के चीत्कार से पूरा गांव सिहर उठा और उनके घर पर शोक व्यक्त करनेवालों का तांता लग गया था। शहीद के बड़े भाई अंजलेश राय भी बीएसएफ में दिल्ली में कार्यरत हैं।

     इसी क्रम में शोक संवेदना व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने शहीद परिवार को पचास रुपए की आर्थिक सहायता व एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जायेगी, वहीं जिले की एक सड़क का नाम भी शहीझ के नाम से होगा।

Views: 280

Leave a Reply