अमृत मय श्रीराम कथा  रस पान को उमड़ रही भीड़

गाजीपुर। दुल्लहपुर क्षेत्र के देवा गांव स्थित दंडी स्वामी सहजानंद सरस्वती सामुदायिक मिलन केन्द्र पर महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद सरस्वती महाराज के दिशा निर्देशन में पिछले उन्नीस जून से अनवरत चल रही नौ दिवसीय महामृत्युंजय महायज्ञ हवनकुंड में वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य मुख्य यजमान भक्त श्रद्धालुओं द्वारा दी जा रही आहुति से जहां समूचा वातावरण शुद्धता का अहसास करा रहा है वहीं पास में बह रही संगीतमय श्रीराम  कथा का श्रवण कर अपने आप को धन्य कर रहे हैं। कथा मंच से श्रीराम कथा ज्ञान गंगा के सरस रस से रसासिक्त कर रहे राजगुरु शिवाला मठ से पधारे कथा व्यास  ऋतेश जी महाराज ने वृहस्पतिवार को जहां व्याघ्र-चर्म- चिताभस्म से समअलंकृत त्रिपुरारी अनंत नागधारी भगवान शिव के विवाह की मार्मिक कथा का रसास्वादन कराया वहीं शुक्रवार को श्रीरामजन्म के कथा क्रम में    जालंधर और  वृंदा की कथा का रस पान कराया । उन्होंने बताया कि  स्त्री का पतिब्रत्य धर्म मर्यादित्व आचरण  का वह प्रतिबिंब है जिसमें अजेय शक्तियों का दर्शन होता है। उसके आगे सारी शक्तियां  बलहीन नज़र आती हैं। वृंदा के पतिब्रत्य धर्म के कारण ही तो अधर्म के पथ पर अग्रसर रहने वाला असुर राज जालंधर जीवित बचता रहा  अर्थात राक्षसराज जालंधर के अधर्म की रक्षा उसकी पत्नी वृंदा का पतिब्रत्य धर्म कर रहा था।जब भगवान विष्णु को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने छल का सहारा लेकर जालंधर के भेष में सबसे पहले वृंदा के पतिब्रत्य धर्म को नष्ट किया। जिससे जालंधर की शक्ति क्षीण हो गई और मृत्यु को प्राप्त हो गया।

इस मौके पर शारदानंद राय, पारसनाथ राय, अनिल कुमार पांडेय, संजय राय, अंबुज राय, संजय चौबे, पिंटू भुवन जायसवाल, दीपक चौरसिया, सूरज राय, लौटू प्रजापति, संतोष दुबे,सत्येन्द्र दुबे, नीलमणि मानस(बाल व्यास) शिवा विश्वकर्मा आदि उपस्थित रहे। रिपोर्ट – गौरीशंकर पाण्डेय

Views: 6

Leave a Reply