मानवता को पुनर्जागृत करने पर बल

वाराणसी। आनंद मार्ग प्रचारक संघ इकाई के सचिवों का सामाजिक, आध्यात्मिक व संगठनात्मक कार्यकलापों का प्रशिक्षण रविवार को आनंद मार्ग प्रचारक संघ, चितईपुर वाराणसी के आश्रम पर सम्पन्न हुआ। 

       कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य प्रशिक्षक आचार्य अवनींद्रानंद अवधूत ने कहा कि आनंद मार्ग के प्रवर्तक श्री श्री आनंदमूर्ति के मिशन विश्व के मानव जाति के सभी क्लेशों को दूर कर उसके भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में संपन्न, समृद्ध व उन्नत करने के लिए सभी सचिवों को *सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्* की मानसिकता के साथ, संगठनात्मक रूपरेखा के तहत कार्य करना होगा। साथ ही उन्होंने मानवता को पुनर्जागृत करने का आह्वान करते हुए कहा कि जो मानवता इतने दिनों तक सोई हुई थी, आज उसे अंधतमिश्रा, अंधकार से जगाना होगा और जीवन के सभी क्षेत्रों में अस्तित्व के सभी स्तर पर कुछ नया करना होगा। समाज के समग्र प्रगति के लिए रेनेंसां (पुनर्जागरण) एक आंदोलन है जिसके माध्यम से समाज में व्याप्त सभी प्रकार की बुराइयां दूर हो सकती है। इस प्रशिक्षण का समापन बाबा नाम केवलम कीर्तन एवं नारों के साथ हुआ।

इस प्रशिक्षण में सहयोग देने हेतु वाराणसी के आचार्य लोकनाथानंद अवधूत, गाजीपुर के आचार्य विष्णुमित्रानंद अवधूत, गोरखपुर के आचार्य ज्योतिष मान ब्रह्मचारी, प्रयागराज के आचार्य संजीव आनंद अवधूत उपस्थित रहे। इस प्रशिक्षण शिविर के आयोजन में लाल बाबू, प्रभात , नरेंद्र जी , सुदर्शन आदि लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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