ए आर एम के दुर्व्यवहार से मर्माहत हैं रोडवेज चालक

गाजीपुर। रोडवेज डिपो के ए आर एम की तानाशाही से रोडवेज बस चालकों में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है। आये दिन की जा रही वेतन कटौती से त्रस्त चालकों का कहना है कि जब वे मनमाने ढंग से की जा रही वेतन कटौती पर बुधवार को उनसे शिकायत करने पहुंचे तो वे आपे से बाहर हो गए। वहीं अमर्यादित आचरण करते हुए गाली गलौज पर उतर पड़े और उनके साथ धक्का मुक्की भी की। मौके पर उपस्थित कर्मचारियों ने किसी तरह मामले को संभाला।

          बताया गया कि अपनी वेतन में की गयी कटौती से क्षुब्ध चालक बुधवार की सुबह करीब दस बजे गाजीपुर रोडवेज डिपो के एआएम वीके पांडेय से मिलने पहुंचे। वहीं ड्राइवरों से वेतन कटौती के मामले को लेकर नाराजगी जताई। चालको ने कहा कि मनमाने ढंग से की जा रही वेतन कटौती पूरी तरह गलत और असंवैधानिक है। इस बात पर रोक लगाने को लेकर दोनों पक्षों में कहासुनी होने लगी। उसी दौरान ए आर एम आक्रोशित होकर गाली गलौज पर उतर आये और एक चालक का कालर पकड़ कर धक्का मुक्की भी की। बीच बचाव करते हुए कर्मचारियों ने किसी तरह मामले को सम्भाला। घटना की पुष्टि के लिए वहां पहुंचे पत्रकारों व कर्मचारियों को देखकर एआर एम आग बबूला हो गये और घबराते हुए पानी पीते दिखे। पोल खुलने के डर से  उन्होंने कहा कि आपको यहां किसने बुलाया है, हम किसी भी मामले पर बात नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने वही कैश रूम का हवाला देते हुए मीडिया को वहां से जाने के लिए कहा।

बाद में, बातचीत के दौरान ड्राइवरों ने बताया कि एआएम का रवैया हमारे प्रति हमेशा दमनात्मक रहा है। एआरएम द्वारा जबरदस्ती डीजल औसत की कमी का हवाला देकर वेतन कटौती की जाती है, जबकि आए दिन कुछ ना कुछ कमी के कारण  रोडवेज बसें सड़कों पर खड़ी हो जाती है। गाड़ियों के मेन्टेनेन्स की कमी के कारण डीजल की औसत कमी हो जाती है। इसकी सूचना देने  पर भी कोई सुनने को तैयार नहीं होता और जबरदस्ती हमारे वेतन से कटौती कर ली जाती है। नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया गया कि एआरएम द्वारा कर्मचारियों का शोषण किया जाता है। कर्मचारियों से 16 से 17 घंटे तक का काम भी लिया जाता है। इसका विरोध करने पर ड्यूटी के दौरान लापरवाही दिखाकर सस्पेंड करने की धमकी तक दी जाती है‌। ड्राइवरों ने बताया कि सीनियर फोरमैन के द्वारा बसो के इंजन में आई खराबी के पार्ट को बाहर से हम लोगों से मंगवाया जाता है। वहीं  बसों को ठीक कराने के नाम पर पैसों तक की वसूली भी की जाती है। 

       गाज़ीपुर रोडवेज डिपो के चालकों में फैल रही आक्रोश की चिंगारी यदि ऐसे ही सुलगती रही तो वो दिन दूर नहीं है जब सारे कर्मचारी लामबंद होकर आवाज बुलंद करने को मजबूर होंगे। इस मामले पर उच्चाधिकारियों का ध्यान अपेक्षित है ताकि मामले का शीघ्र निस्तारण हो और डिपो संचालन में कोई व्यवधान पैदा न हो।

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