दिव्यांग बच्चों ने मनायी ब्रेल लिपि के जन्मदाता लुई ब्रेल की जयंती

गाजीपुर। मानव सेवा समिति के तत्वावधान में मनिहारी क्षेत्र के श्री महादेव जी रामअधार दिव्यांग शिक्षण प्रशिक्षण केन्द्र औढ़ारी में शनिवार को ब्रेल लिपि के जन्मदाता लुई ब्रेल की जयंती ससमारोह मनाई गई।

कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि सरदार दर्शन सिंह द्वारा लुई ब्रेल के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। दिव्यांग बच्चों ने जहां प्रभात फेरी निकाला वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर मन मोह लिया।

अपने सम्बोधन में सरदार दर्शन सिंह ने कहा कि लुई ब्रेल ही वह व्यक्ति थे, जिन्होंने दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्पर्शीय लिपि का निर्माण किया। यह आज के समय में उनके लिए काफी मददगार है। पूर्व मंत्री डा.रमाशंकर राजभर ने कहा कि ब्रेल का जन्म फ्रांस के एक छोटे से गांव कूप्रे में 4 जनवरी 1809 में हुआ था। वह खुद भी दृष्टिबाधित थे इसके बाद भी उन्होंने इस लिपि का अविष्कार किया जाे सारे विश्व के लिए बेहद लाभदायी साबित हुई।

समाजसेवी ब्रजभूषण दूबे ने कहा कि लुई ब्रेल फ्रांस के शिक्षाविद तथा अन्वेषक थे जिन्होने दृष्टिबाधितों के लिये लिखने तथा पढ़ने की प्रणाली विकसित की। यह पद्धति ‘ब्रेल’ नाम से जगप्रसिद्ध है। फ्रांस में जन्मे लुई ब्रेल दृष्टिबाधितों के लिए ज्ञान का भंडार बन गए। ब्रेल लिपि के निर्माण से दृष्टिबाधित छात्रा/छात्राओं के पढ़ने की कठिनाई को मिटाने वाले लुई स्वयं भी दृष्टिबाधित थे। लेकिन अपने हौसले के कारण दृष्टिबाधितो के लिए आदर्श बन गए।

मानव सेवा समिति के प्रबंधक रमेश यादव एवं शमीम अब्बासी ने कहा कि दृष्टिबाधितों के प्रति नकारात्मक सोच समाज को बदलना चाहिए। दृष्टिहीनों को दया नहीं सहयोग की जरुरत है।

इस अवसर पर योगेश पांडेय, गोरखनाथ राजभर,अरविंद यादव, रामपूजन राजभर, श्रीनारायन गिरी, सुनील गुप्ता, सत्यप्रकाश, सूबेदार यादव आदि उपस्थित रहे। संचालन सतीश गिरी एवं आभार ज्ञापन पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश यादव ने किया।

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