अच्छा कर्म मानव की पूंजी – कौशलेन्द्र शास्त्री

कर्म प्रधान विश्व कर राखा …. अर्थात मानव जीवन में कर्म प्रधान होता है। इसलिए हमें फल की चिंता छोड़ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए। जो जिस प्रकार का कर्म करता है, उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है। उपरोक्त बातें वृंदावन के महाराज परम पूज्य कौशलेन्द्र कृष्ण शास्त्री जी ने गार्डेन स्टेट बबुरिहा जुग्गौर लखनऊ मेंं चल रहे श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने भक्तों से हमेशा अच्छा कर्म करते रहने की सीख दी है। अच्छे कर्म करने वाले को हमेशा अच्छा फल भगवान देते है। हर मानव को अच्छा कर्म करना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य यजमान अनुपम धीरानन्द श्रीवास्तव कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने में लगे हैं। भागवत कथा वाचन में काफी संख्या में बुजुर्ग एवं महिलाएं भाग लेकर कथा श्रवण कर रही हैं। बुधवार को श्री मद् भागवत कथा का समापन होगा और गुरुवार को विशाल भण्डारा होगा इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से आचार्य हरीशंकर शुक्ला,पं.सूरज शास्त्री,पंकज दुबे,श्रेया, ज्योति,अर्पिता,प्रियंका आदि भक्त मौजूद रहे।

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