दुराचारी को मिली बीस वर्ष की कारावास और पैंतालीस हजार रुपए के अर्थ दण्ड की सजा

गाजीपुर। अवयस्क बालिका को बहला-फुसला कर लज्जा भंग करने के दोषी अभियुक्त को न्यायालय द्वारा 20 वर्ष कारावास व ₹45,000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
थाना सुहवल पर वादी ने तहरीर दी थी कि उसकी नाबालिग पुत्री को आरोपी युवक द्वारा बहला- फुसलाकर निर्वस्त्र/ लज्जा भंग करने की घटना कारित की। इस सम्बन्ध में नियमानुसार दुराचारिक धाराओं व पाक्सो एक्ट में अभियोग पंजीकृत किया गया था।
मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं/बालिकाओं से सम्बन्धित अपराध में दोषी अभियुक्तों के विरुद्ध त्वरित दण्डात्मक कार्यवाही हेतु चलाया जा रहा विशेष अभियान के अन्तर्गत वैज्ञानिक विवेचना, अचूक साक्ष्य संकलन एवं पुलिस व विशेष लोक अभियोजक की प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप आरोपी को दोषी करार देते हुए उसके विरुद्ध न्यायालय ने कड़ी कार्रवाई की।
बताते चलें कि पुलिस अधीक्षक रोहन प्रमोद बोत्रे के कुशल निर्देशन में महिला सम्बंधित अपराध में दोषी अभियुक्तों के विरुद्ध त्वरित दंडात्मक कार्यवाही हेतु स्थानीय पुलिस, मॉनिटरिंग सेल व विशेष लोक अभियोजक अनुज कुमार राय की प्रभावी पैरवी के फलस्वरुप 13अक्टूबर 2022 को उपरोक्त अभियोग में न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष नयायाधीश (पॉक्सो एक्ट) कोर्ट जनपद गाजीपुर द्वारा दोषसिद्ध विकास बिंद पुत्र चंद्रमा विंद निवासी परखौलिया थाना सुहवल जनपद गाजीपुर को उपरोक्त अपराध में 20 वर्ष कारावास व ₹45,000/ अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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