धोखाधड़ी! मरीज की जिन्दगी से खिलवाड़ करनेवाले डायग्नोसिस सेन्टर पर रोक लगाने की उठी आवाज

गाजीपुर। शहर के आर पी. डायग्नोस्टिक पैथोलॉजी केन्द्र विशेश्वरगंज द्वारा पित्त की थैली में पथरी की फर्जी रिपोर्ट देकर शीघ्र आपरेशन कराने की सलाह देकर मरीज और उनके परिजनों को तनाव में डालने वाले केन्द्र को बन्द कर उसके विरुद्ध कानून कारर्वाई की मांग भुक्तभोगी ने जिला प्रशासन व मुख्य चिकित्सा अधिकारी से की है।
भुक्तभोगी नीरज कुमार यादव पुत्र राजेंद्र यादव ग्राम मिरदादपुर, पोस्ट नूरपुर, विकास खंड सदर, थाना नोनहरा जिला गाजीपुर ने बताया कि उसने अपनी पत्नी रेखा यादव का अल्ट्रासाउंड गत 12 मार्च 2022 को शहर के विशेश्वरगंज स्थित आर पी. डायग्नोस्टिक पर कराया था। वहां से प्राप्त जांच रिपोर्ट में 5.5 एमएम की पथरी की रिपोर्ट दी गई और वही के रेडियोलॉजिस्ट द्वारा गम्भीर स्थिति बताते हुए, हमें जल्द से जल्द ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई। उस समय मैं ऑपरेशन नहीं करा पाया। इसके बाद जब मैं पथरी की स्थिति जानने के लिए 20 मई 2022 को जिला चिकित्सालय के डॉक्टर से मिला तो डॉक्टर ने सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। वहां कराए गए सीटी स्कैन जांच में मरीज के पित्ताशय में पथरी का नामोनिशान तक नहीं मिला। एक ही मरीज की दो जांच रिपोर्ट मिलने से वह परेशान हो गया और फिर पता लगाने लगा कि आर पी. डायग्नोस्टिक सेंटर की रिपोर्ट कैसे गलत निकली है, तो पता चला कि उस सेंटर पर कोई योग्य डाक्टर ही नहीं है। जिस अशोक कुमार रेडियोलॉजिस्ट एमबीबीएस की डिग्री लगी है, वे तो वहां आते ही नहीं हैं। और वहां का सारा काम वहां तैनात एक दूसरा कर्मचारी अशोक कुमार के नाम पर फर्जी तरीके से कर रहा है। जानकारी व योग्यता के अभाव में वहां से अधिकांश रिपोर्ट गलत आ रही हैं। यह खेल विगत कई वर्षों से जारी है। इतना ही नहीं बल्कि आरपी डायग्नोस्टिक सेंटर ने जनपद के पांच तहसील क्षेत्रों में भी अपना सेंटर खोल लिया है और इसी प्रकार फर्जी रिपोर्ट जारी कर रहा है। यह निःसंदेह असंवैधानिक और मरीज की जिन्दगी से खिलवाड़ करने का कृत्य है जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इससे आने वाले दिनों में किसी अप्रिय घटना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।
बताते चलें कि इससे पूर्व भी इसी प्रकार की धांधली और फर्जी रिपोर्ट दी गयी थी। बात खुलने पर काफी हो हल्ला मचा था। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से ही ऐसे डायग्नोस्टिक सेन्टर सक्रिय हैं। नीरज यादव ने जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग के उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए आर पी. डायग्नोस्टिक सेंटर के विरुद्ध कार्यवाही करने व इनके फर्जी संचालन पर रोक लगाने की मांग की है।

Visits: 425

Leave a Reply