वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं को विधिक साक्षरता  कार्यक्रम में दी गयी जानकारी

गाजीपुर। उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के तत्वाधान में प्रभारी जनपद न्यायाधीश के आदेशानुसार गुरुवार को वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत विधिक साक्षरता कार्यक्रम का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में उपस्थित बुजुर्गों व महिलाओं को उनके अधिकारों की विस्तृत कविधिक जानकारी दी गई। इस अवसर पर पूर्णकालिक सचिव, श्रीमती कामायनी दूबे, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने वृद्धजन आवास/वृद्धाश्रम की पूर्णतयाः जानकारी ली तथा परिसर में साफ-सफाई हेतु प्रबंधक श्रीमती ज्योत्सना को निर्देशित किया।
सचिव ने बुजुर्गो के अधिकारों के बावत बताया कि माता-पिता व वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम-2007 के तहत अभिभावक एवं वरिष्ठ नागरिक जो कि अपने आय अथवा अपनी संपत्ति के द्वारा होने वाली आय से भरण-पोषण करने में असमर्थ है, वे अपने व्यस्क बच्चों अथवा ऐसे संबंधितों से भरण-पोषण पाने हेतु आवेदन कर सकते है। वृद्धा पेंशन एवं विधवा पेंशन न मिलने के विषय में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में बालिका शिशु के महत्व और भूमिका के बारे में जागरूक किया गया। महिलाओं के स्वास्थ्य, सम्मान, शिक्षा, पोषण आदि से जुडे़ मुद्दों तथा पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक ;सम्बद्ध अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए भारत की संसद द्वारा पारित एक संघीय कानून की जानकारी दी गई। इस अधिनियम से प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले जोडे़ या करने वाले डाक्टर, लैब कर्मी को तीन से पांच साल सजा और 10 से 50 हजार जुर्माने की सजा के बारे में चर्चा की गयी।

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