कारागार में शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण सम्पन्न

गाजीपुर। माननीय राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में जिला कारागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुश्री कामायनी दूबे, द्वारा शिविर का आयोजन एवं जेल का निरीक्षण किया गया।
   उन्होंने बंदियों से निःशुल्क अधिवक्ता, जेल लोक अदालत तथा उनकी जेल अपील से संबंधित अन्य समस्याएं पूछी गयी एवं उनके यथोचित अधिकार हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिया।उनके द्वारा बंदियों को उनके संवैधानिक अधिकारों के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी। जेल अधीक्षक द्वारा बताया गया कि वर्तमान में कुल 969 बंदी निरूद्ध है। जिसमें 875 पुरूष, 40 महिला बंदियों के साथ कुल 1 बच्चे निरूद्ध है व 54 अल्पवयस्क है। नियमानुसार सबको
भोजन नास्ता प्रदान किया जा रहा है। सचिव ने शिविर में बंदियों को बताया गया कि सी0आर0पी0सी0 में एक नया अध्याय 21ए जोड़ा गया था। जिसमें धारा 265ए से 265एल को नये रूप से जोड़ा गया और प्ली बारगेनिंग का विवरण दिया गया। “प्ली बारगेनिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है” इस प्रक्रिया के तहत आरोपी अपने अपराध को मर्जी से स्वीकार करता है। दोनों पक्षों के बीच होने वाला समझौता अदालत की देखरेख में होता है। समझौता के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी अपने गुनाह कबूल करता है। आरोपी की सजा उस केस की न्यूनतम सजा से आधी या उससे भी कम कर दी जाती है। कोविड-19 को देखते हुए नए बंदियों को पहले आइसोलेट रखने के साथ ही संदिग्ध लक्षण होने पर जांच और सेनेटाइजेशन के निर्देश दिए। सचिव ने जेल के कई बंदियों से बात कर उनकी समस्याओं को समझने के साथ ही उनके निस्तारण का निर्देश दिया। सचिव ने कारापाल को जिला कारागार में स्थित जेल लीगल क्लीनिक पर विशेष रूप से ध्यान देने के निर्देश दिए ताकि जेल में निरूद्ध बंदियों को समय से व समुचित विधिक सहायता प्राप्त हो सके। इस अवसर पर अधीक्षक  हरिओम शर्मा, कारापाल शिवकुमार यादव, उप कारापाल कमल चन्द उपस्थित रहे।

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