किसान मेले में प्रगतिशील किसानों सहित उद्यमियों को किया गया सम्मानित

गाजीपुर। पूर्व प्रधान मंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की जयन्ती के अवसर पर कृषि विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र पी.जी. कालेज के प्रांगण में किसान सम्मान दिवस के रूप में मनाया गया।
   उक्त अवसर पर नेशनल मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन एण्ड टेक्नोलाजी योजना के अन्तर्गत किसान मेला भी आयोजन किया गया। मेले में कृषि एवं अन्य विभाग के उर्वरक, बीज, रसायन, कृषि यन्त्रों तथा मृदा परीक्षण, फसल बीमा, पशु बीमा, यू.पी.डास्प (जैविक खेती), मत्स्य, दुग्ध, उद्यान विभाग के स्टाल लगाये गये थे। कृषि विज्ञान केन्द्र पी.जी.कालेज/आंकुशपुर गाजीपुर के वैज्ञानिकों द्वारा रबी फसलों की नवीनतम तकनीकी जानकारी कृषकों को दी। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा कृषि विभाग से बगदल यादव को गेहूँ उत्पादन में, सुरेश कुशवाहा को सरसो उत्पादन में, रामनाथ सिंह को धान उत्पादन में प्रथम पुरस्कार दिया गया। उद्यान विभाग से अवनीश राय केला उत्पादन में, कदम सिंह गेंदा उत्पादन में, शहनाज खॉन बेर उत्पादन में एवं शुभम राय को टमाटर उत्पादन में प्रथम पुरस्कार दिया गया।
    दुग्ध विभाग से श्रीमती सुशीला देवी, रासबिहारी सिंह, ऋषिकेश यादव एवं श्रीमती सीमा देवी को दुग्ध उत्पादन मे प्रथम पुरस्कार दिया गया। पशु पालन विभाग से श्रीमती सीमा देवी, श्रीमति अंती देवी, श्रीमती नरगिस देवी, श्रीमति लालमुनी देवी को दुग्ध उत्पादन प्रति पशु प्रति दिन के लिए प्रथम पुरस्कार दिया। इसके अलावा उद्यान विभाग के 8, पशु पालन विभाग के 8 एंव दुग्ध विभाग के 8 कुल 30 कृषकों को अंगवस्त्र प्रदान कर तथा मुख्य विकास अधिकारी द्वारा प्रथम पुरस्कार रू० 7000 एवं द्वितीय पुरस्कार रू. 5000 का प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। दृष्टि योजनान्तर्गत बीज विधायन संयंत्र की स्थापना हेतु प्रदेश स्तर से चयनित, स्वीकृत एफपीओ इनेबल एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी रेवतीपुर गाजीपुर को रूपया 1800000 का डमी चेक भी प्राप्त कराया गया। मेले मे मुख्य विकास अधिकारी द्वारा एफपीओ एवं उसके लाभों को बताते हुए कहा कि पूर्वाचल एक्सप्रेसवे एवं वाराणसी गोरखपुर एक्सप्रेसवे बन जाने से जनपद के कृषक अपने उत्पादों को जनपद के अलावा देश के अन्य मण्डियों मे आसानी से बेच सकते हैं। इसके अलावा मेले की उपयोगिता को बताते हुए कहा कि कृषि के क्षेत्र में निरन्तर होने वाले खोज एव तकनीकी किसानों के पास पहुचना अति आवश्यक है, इस तरह के कार्यक्रम से किसानों को खोज एव तकनीकी आसानी से परिचय कराया जा सकता है, और किसान इसका प्रयोग कर लाभान्वित होगे।

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