पत्रकारों पर हो रहे हमलों को संज्ञान लेकर कार्यवाही करे सरकार

लोकतंत्र की रक्षा के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून आवश्यक- डब्ल्यू जे आई

नई दिल्ली। देश में आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हमलों से पत्रकारों में तीब्र रोष व्याप्त है। पत्रकार बन्धुओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार से पत्रकार हितों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।

                      देश के पत्रकारों के शीर्ष संगठन "वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया", सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ ने बिहार की राजधानी पटना के पीएमसीएच हॉस्पिटल के सुरक्षा कर्मियों द्वारा वहां के पत्रकार प्रशांत रॉय पर किये गए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। वहीं यूनियन ने दिल्ली में महिला पत्रकार चंदरप्रीत के साथ एक साक्षात्कार के दौरान सांसद जसवीर डीम्पा द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर कड़ी भर्तसना की है।

पत्रकार यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजय कुमार उपाध्याय, राष्ट्रीय महासचिव नरेंद्र भंडारी, राष्ट्रीय प्रचार सचिव उदय कुमार मन्ना के अनुसार, प्रशांत रॉय पटना में अपनी रिपोर्टिंग की जिम्मेदारियों को निभा रहे थे। साथ ही साथ वे गरीबों व असहायों को कंबल वितरण भी कर रहे थे। जब वे पीएमसीएच में कवरेज कर रहे थे तो हॉस्पिटल के सुरक्षाकर्मियों ने उसपर हमला करके बाधा पहुंचाई तो वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में सांसद जसवीर डीम्पा ने सारी मर्यादा को ताख पर रख महिला पत्रकार चंदरप्रीत से अभद्र बर्ताव व अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए माईक छीनकर कैमरे पर भी हाथ मारा।
यूनियन का कहना है कि आये दिन देश में पत्रकारों पर हमले होते रहते हैं और सरकार मौन बनी रहती है। सरकार जब तक पत्रकार सुरक्षा कानून नही बनाएगी, तब तक इस तरह के हमले पत्रकारों पर होते रहेंगे।
यूनियन ने इस सम्बन्ध में ट्वीट के जरिये सख्त निंदा प्रस्ताव बिहार के मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री को करते हुए दोषी सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करने की मांग की गयी है।
यूनियन ने सांसद जसवीर डीम्पा को भी अपनी मर्यादा का रहने की नसीहत दी है और कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष से उनके विरुद्ध कारर्वाई की मांग की है।

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