खेत में पराली जलाने पर देना होगा जुर्माना

गाजीपुर। धान फसल कटाई के उपरान्त फसल अवशेष पराली को जलायें नहीं बल्कि उस फसल अवशेष को विभिन्न कृषि यंत्रों के माध्यम से मृदा में मिला दें ताकि कृषिगत भूमि में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ सके।
जिला कृषि अधिकारी ने जनपद के कृषकों को आगाह किया है कि कृषिगत भूमि में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा निरन्तर घट रही है। धान फसल कटाई के उपरान्त फसल अवशेष को विभिन्न कृषि यंत्रो के माध्यम से मृदा में मिला दें। उस अवशेष को मिलाने से मृदा में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि अवशेष जलाने पर पर्यावरण प्रदूषण होगा। साथ ही मृदा के मित्र जीव भी नष्ट हो जाते हैं,वहीं चारे की समस्या के साथ मृदा तापमान में भी वृद्धि होती है। कृषक धान पराली को मृदा में मिलाकर कार्बनिक खाद्य बनाये और पर्यावरण प्रदूषण से बचें।
उन्होंने आगाह किया कि पराली जलाने पर 2 एकड तक ₹ 2500, 5 एकड़ पर ₹5000 तथा 5 एकड़ से अधिक पर ₹15 हजार जुर्माना पराली जलाने पर पकड़े जाने पर देना होगा।
उन्होंने कहा कि पराली/कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की घटना की सूचना देने हेतु जनपद स्तर पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना की गयी है, जिसका नम्बर-0548-2221295 है। इस नम्बर पर कोई भी व्यक्ति खेत में पराली जलाये जाने की सूचना दे सकता है।

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