कवि की रचना

सच्चाई जो डूब रही है।
उसको आज बचाना होगा ।।
उसके अंतिम तह में जाकर।
उसको बाहर लाना होगा ।।

उसकी सेवा में जीवन का।
सारा समय लगाना होगा ।।
सच्चाई जो डरी हुई है।
उसको भी समझाना होगा ।।

घायल सत्य दिखे तो उसको।
मरहम रोज लगाना होगा ।।
और उसे जीवन के पथ पर।
खुले आम दौड़ाना होगा ।।

जहाँ कहीं भी सच्चाई है।
उस पर प्यार लुटाना होगा ।।
और उसे बीमार देखकर।
अस्पताल पहुँचाना होगा ।।

सच्चाई में साहस भरकर ।
आगे काम बढ़ाना होगा ।।
और झूठ को भेज रसातल ।
वंदे मातरम् गाना होगा ।

शुभ चिंतन से शुभ विचार से ।
मन को रोज सजाना होगा ।।
अपनी सारी शक्ति लगाकर।
देश राग को गाना होगा ।।

परमारथ में समय बिता कर ।
थोड़ा सा मुस्काना होगा ।।
आत्म तोष से आगे बढ़कर ।
मन ही मन कुछ गाना होगा ।।

कवि – अन्वेषी

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