उत्तर प्रदेश पुलिस ! 23 पुलिस अधिकारियों व जवानों को मिलेगा वीरता पुरस्कार, राष्ट्रपति पदक से होंगे सम्मानित

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के 23 पुलिस अधिकारियों व जवानों को वीरता का राष्ट्रपति पदक दिया जाएगा। इनमें एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी 112 असीम अरुण, सचिव गृह के पद पर तैनात आईजी एसके भगत, पुलिस भर्ती बोर्ड में तैनात डीआईजी विजय भूषण और बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डा. अरविंद चतुर्वेदी का नाम शामिल है।
डीआईजी विजय भूषण को यह पदक पांचवीं बार मिला है। वह सबसे अधिक बार यह पदक पाने वाले देश के पुलिस अधिकारी हैं। एसटीएफ में तैनाती के दौरान तत्कालीन एसएसपी एसके भगत व एएसपी विजय भूषण के साथ तत्कालीन डीएसपी डा. अरविंद चतुर्वेदी ने कुख्यात शूटर फिरदौस को मुंबई में अप्रैल 2006 को मलाड स्थित माल में हुई मुठभेड़ में मार गिराया था। फिरदौस भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी था। उससे दो पिस्तौलें बरामद हुई थीं। उस पर प्रदेश सरकार ने पचास हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। वह मुख्तार अंसारी गैंग का प्रमुख शूटर के रूप में सक्रिय था। इसी मामले में बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डा.अरविंद चतुर्वेदी को भी वीरता पदक दिया गया है। साथ ही तत्कालीन एसआई तथा वर्तमान में मऊ जिले के डीएसपी धनंजय मिश्रा को भी राष्ट्रपति का वीरता पदक दिया गया है।
एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को मुजफ्फरनगर के अपराधी रोहित सांडू को मुठभेड़ में मार गिराने के मामले में राष्ट्रपति का वीरता पदक दिया गया है। रोहित ने वर्ष 2019 में मिर्जापुर में पेशी पर जाते वक्त एक दरोगा की हत्या कर दी थी और भाग निकला था। इसी तरह यूपी-112 के एडीजी असीम अरुण, एसएसपी अभिषेक यादव, एसएसपी अजय साहनी, एसपी सतपाल, एएसपी नरेन्द्र प्रताप सिंह व दिवंगत एएसपी राजेश साहनी (मरणोपरांत) को वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक दिया गया है। नरेन्द्र प्रताप सिंह को यह पदक दूसरी बार मिला है। सब इंस्पेक्टर अमित कुमार, प्रवेश कुमार, अजय कुमार के अलावा कांस्टेबल लोकेश भारती, दिवंगत एकांत यादव (मरणोपरांत), अतहर अहमद, अविनाश कुमार, विकास यादव, महेन्द्र पाल व फहीम मियां को भी वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक दिया गया है। प्रवेश कुमार को दूसरी बार यह पदक दिया गया है।

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