माँ- बेटी आत्मदाह मामले में तीन पुलिसकर्मी निलम्बित, चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज

योगी राज में महिलाओं की उपेक्षा चरम पर है। समय पर पुलिस भी महिलाओं की सुनवाई नहीं कर पा रही है जिसके चलते महिलाओं में तीव्र आक्रोश व्याप्त है। सरकारी कार्यप्रणाली से क्षुब्ध होकर अमेठी की मां बेटी ने लखनऊ के लोक भवन के सामने कल शाम स्वयं को आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी में लोकभवन के सामने कल शाम, अमेठी की रहने वाली एक महिला और उसकी बेटी द्वारा लखनऊ में आत्मदाह की कोशिश करने के मामले में अमेठी में जामो थाने के प्रभारी निरीक्षक सहित तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि भूमि विवाद के मामले में पुलिस की ओर से कथित तौर पर कार्रवाई नहीं किए जाने के विरोध में कल शुक्रवार को साफिया और उसकी बेटी गुड़िया ने यहां लोकभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था।लोक भवन में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यालय है।
जिलाधिकारी अरूण कुमार एवं पुलिस अधीक्षक ख्याति गर्ग ने बताया कि साफिया का उसके पड़ोसी से नाली को लेकर विवाद था और इस मामले में नौ जुलाई को मारपीट भी हुई थी।
गर्ग ने बताया कि गुड़िया एवं उसकी मां ने आत्मदाह के प्रयास से संबंधित कोई पत्र नहीं दिया था और न ही खुफिया विभाग के पास इसकी कोई जानकारी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में थाना प्रभारी जामो रतन सिंह, एक उप निरीक्षक एवं एक सिपाही को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक को सौंपी गयी है और जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी।
शनिवार को रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस आयुक्त और संयुक्त पुलिस आयुक्त ला एंड आर्डर ने पत्रकार वार्ता की। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि लोक भवन पर आत्मदाह का मामला एक आपराधिक साजिश के अनुसार किया गया था। पता चला है कि कुछ लोगों ने महिलाओं को उकसाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हमने एमआईएम नेता कादिर खान और कांग्रेस नेता अनूप पटेल सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
बताते चलें कि आत्मदाह करने वाली महिला की हालत नाजुक बनी हुई है, जबकि बेटी की स्थिति ठीक है। सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ डीएस नेगी ने बताया कि बर्न वार्ड में अमेठी की महिला की स्थिति बहुत गंभीर है क्योंकि वह 90 फीसदी तक जल चुकी है जबकि उसकी पुत्री की हालत में काफी सुधार है। वरिष्ठ डाॅक्टरों की निगरानी में लगातार इलाज चल रहा है। शासन व पुलिस के वरिष्ठ अफसर भी लगातार डाॅक्टरों के संपर्क में हैं।

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