पुलिस के संरक्षण में पैदा हो रहा है नया विकास दुबे

एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपराधियों और माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही का संकेत दे रही है, वहीं पुलिस की नाक के नीचे ही अपराधी बेखौफ होकर अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने में लगे हुए हैं। क्षेत्रीय पुलिस के संरक्षण से अपराधियों के हौसले बुलंद है और वे कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं।
घटना प्रयागराज की है जहां सेना का जवान माफिया डॉन बनकर बन्दूक की नोक पर पत्रकार की लाखों की जमीन अपने गुर्गे के नाम जबरन लिखवा लिया। भुक्तभोगी और दैनिक अखबार घटनाएँ के संपादक संतोष कुमार ने बताया कि गत मंगलवार की दोपहर उन्हें नैनी थाना अंतर्गत चाका ब्लाक स्थिति कमला नगर कालोनी निवासी अरुण कुमार उर्फ़ कमांडो ने अपने मोबाइल न० 9149950878 से फोन कर अपने घर बुलाया। जब संतोष कुमार उनके बुलाने पर वहां पहुंचे तो वहां अरुण कुमार एक अधिवक्ता, अवधेश गुप्ता व कुछ अज्ञात लोग मौजूद थे।
उन्होंने संतोष कुमार से जमीन के सम्बन्ध में बातचीत करते हुए अचानक मारपीट शुरू कर दी और लात घूंसों से मारा और उनके गले से सोने की चेन व चार पहिया वाहन की चाभी व पैसा छिनने की कोशिश की। वहां पहले से मौजूद अधिवक्ता ने संपादक संतोष कुमार की तीन लाख की जमीन 50 हजार रुपये में बैनामा कर शेष धनराशि एक वर्ष में देने के कागजात पर जबरन हस्ताक्षर करवाया और वहां उपस्थित चार पांच लोगों से गवाह के रुप में हस्ताक्षर कराया।
इस धटना को लेकर पत्रकारों में काफी आक्रोश है कि सेना के जवान ने सारी मर्यादाओं की तिलांजलि दे कर एक सम्मानित पत्रकार के साथ अपने घर पर बुलाकर जबरन उसकी जमीन को कौड़ियों के भाव अपने गुर्गे के नाम करा दी।
बताया गया है कि अरुण कुमार उर्फ़ कमांडर गत कई सालो से लगतार अपना मकान बनवा रहा है। इतना ही नहीं बल्कि विस्तार सोच के चलते कमला नगर कालोनी को अपना नाम से कमांडो नगर बना दिया था जिसके बाद स्थानीय प्रधान के हस्ताक्षेप से उनका नाम मिटाया गया।
लोगों का कहना रहा कि उसने अवैध तरीक़े से करोड़ो की सम्पति तथा मकान बना लिया है।
पत्रकारों ने पूरे प्रकरण जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही करने तथा दोषी फौजी के विरुद्ध जांच कराने की मांग जनहित में की है।

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