कोरोना ! संक्रमण की जांच की जांच हेतु बीएचयू ने विकसित की नई तकनीक

वाराणसी,31मार्च 2020। मां गंगा के आशीर्वाद से सिंचित गाजीपुर की ऐतिहासिक धरती के सपूतों ने राष्ट्र के उत्थान में सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज वैश्विक महामारी कोविद19 से जुझ रही मानवता के हित के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर जिले का नाम विश्वपटल पर स्थापित किया है। गाजीपुर जनपद के मुहम्मदाबाद तहसील के खेमपुर की लाडली तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच के लिए नई तकनीक खोजने में कामयाबी मिलने का एलान किया है। इससे मात्र एक घंटे में कोरोना की सटीक जांच हो सकेगी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में विज्ञान प्रभाग के ‘‘डिपॉर्टमेंट ऑफ मॉलीकुलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स’’ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गीता राय ने अपनी प्रयोगशाला में शोध छात्राओं की मदद से यह तकनीक विकसित की है। डॉ. राय का दावा है कि कोरोना वायरस के लिए जांच की यह तकनीक बिल्कुल नई और कोविड-19 के प्रोटीन की परख पर आधारित है।इसमें गलत रिपोर्ट आने की संभावना ही नहीं है। उन्होंने बताया कि ‘रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटी पीसीआर) तकनीक पर आधारित जांच की यह प्रक्रिया बेहद कारगर होगी। उन्होंने बताया ‘‘यह तकनीक एक ऐसे अनोखे प्रोटीन क्रम (सीक्वेंस) को लक्ष्य करती है जो सिर्फ कोविड-19 में मौजूद है। यह प्रोटीन क्रम किसी और वायरस के स्ट्रेन में नहीं पाया जाता है।’’इस जांच के किफायती और आसान होने का दावा करते हुए प्रो. राय ने एएनएस को बताया कि उन्होंने नवीनता के आधार पर इसके पेटेंट के लिए आवेदन भी दे दिया है। उन्होंने बताया ‘‘भारतीय पेटेंट कार्यालय की ओर से किए गए पूर्व निरीक्षण में पाया गया कि देश में इस सिद्धांत पर आधारित अब तक कोई किट नहीं है। प्रोटीन क्रम को लक्ष्य कर जांच करने की यह तकनीक बिल्कुल नई है। उम्मीद है कि देश में कोविड-19 के संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह तकनीक जांच की गति बढ़ाने में कारगर होगी। इससे सटीक जांच होगी और रिपोर्ट भी जल्दी प्राप्त की जा सकेगी।’’ प्रो. राय ने इस दिशा में मार्गदर्शन और समर्थन के लिए सेट्रल ड्रग स्टैंडर्ड क्ंट्रोल आर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) और इंडियन काउंसिल मेडिकल रिसर्च ऑफ इंडिया (आईसीएमआर) से भी संपर्क किया है।

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