कविता ! ” माना खतरा बहुत बड़ा है’

” माना खतरा बहुत बड़ा है’

कोरोना की मार से मित्रों, त्रस्त सकल संसार।
डरने की कोई बात नहीं, पर करलो उचित उपाय।।

सावधान उनसे तुम रहना, जो बने आवारा घूम रहे।
चंद पैसों के लालच में,वो महामारी हैं बांट रहे।।

घर में रहना घर में खाना, साफ सफाई को अपनाना।
फिर भी कोई बात न माने, उसको बस तुम दूर भगाना।।

यह महामारी एक विपदा है, विपदा में साथ निभाना है।
ऊँच नीच का भेद मिटा के, मानव धर्म निभाना है।।

अपना कर संयम जीवन में, कोरोना को हमें हराना है।
धर्म जाति से ऊपर उठ ,मानवता को आज बचाना है।।

माना खतरा बहुत बड़ा है, फिर भी मानव अडिग खड़ा है।
देखो कातिल पास खड़ा है, लेकिन सुरक्षा कवच बड़ा है।।

कवि – अशोक राय वत्स

रैनी, मऊ, उत्तरप्रदेश मो.नं.8619668341

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