गुप्त सम्राट स्कन्दगुप्त की प्रचीन धरोहरों को बचाने हेतु तत्पर समाजसेवी ने लगाई गुहार

गाजीपुर,10 जुलाई 2019। जिले के देवकली क्षेत्र के भितरी गांव में मौर्य साम्राज्य के अवशेष आज शासन प्रशासन की उपेक्षा से दम तोड़ते नजर आ रहे है। सबकुछ जानते हुए भी पुरातत्व विभाग सम्राट स्कन्दगुप्त मौर्य वंश के इतिहास के पन्नो में समाहित इन भग्नावशेषों की सुधि नहीं ले रहा है। यदि समय रहते शासन प्रशासन यथोचित कार्यवाही नहीं करेगा तो यहां की ऐतिहासिक धरोहर मटियामेट हो जायेगी।
इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाने तथा उसको उचित स्थान दिलाने में समाजसेवी सनाउल्लाह सन्ने पिछले 5 वर्षो से प्रयासरत हैं। वे
यहां मौजूद स्कंदगुप्त स्तम्भ की देखरेख व सुंदरीकरण की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय सहित पुरातन विभाग व शासन प्रशासन को भी स्कन्दगुप्त के धरोहरों की स्थितियों से अवगत कराया परन्तु आज तक कोई यथोचित कार्रवाई नहीं की गयी।
इस सम्बन्ध में बताया गया है कि यहाँ पाँचवें गुप्त सम्राट स्कन्दगुप्त (455-67 ई.) ने एक स्तम्भ निर्मित कराया था, जिसके शीर्ष पर विष्णु की मूर्ति थी,जो अब लुप्त हो चुकी है। स्तम्भ तो अब भी खड़ा है, जिस पर संस्कृत में विस्तृत अभिलेख अंकित है। अभिलेख में स्कन्दगुप्त की वंशावली और पुष्यमित्रों तथा हूणों से हुए युद्धों का भी विवरण है। इस अभिलेख के अनुसार स्कन्दगुप्त कुमारगुप्त प्रथम (413-55 ई.) का पुत्र और उत्तराधिकारी था। 1889 ई. में कुमारगुप्त द्वितीय की एक मोहर भितरी में मिली थी। इस मोहर पर स्कन्दगुप्त का कोई उल्लेख नहीं है और पुरुगुप्त को कुमारगुप्त प्रथम का उत्तराधिकारी बतलाया गया है। भितरी में प्राप्त अभिलेख तथा मोहर की परस्पर प्रतिकूल बातों का समाधान करने के लिए यह अनुमान किया जाता है कि, पुरुगुप्त, स्कन्दगुप्त का भाई था और वह स्कन्दगुप्त की मृत्यु के उपरान्त सिंहासन पर बैठा था।
उल्लेखनीय है कि लगभग 20 वर्षो पूर्व पुरातत्व विभाग ने यहां खुदाई कराई थी जिसमे अष्टधातु सहित अनेक क़ीमती मूर्तिया निकली जो वाराणसी सहित अन्य प्रांतों में भेज दी गयीं। पता चला है कि खुदाई में जो मूर्ति निकाली गयी थी वो जयपुर आडोटोरियम में लगी है। समाजसेवी सनाउल्लाह शन्ने ने सरकार से मांग किया है कि इस प्राचीन भारतीय धरोहर पर चौकीदार व लाइट की पर्याप्त व्यवस्था किया जाय, स्कन्दगुप्त शासनकाल की मूर्तियां पुनः वापस लायी जाय, आडोटोरियम का निर्माण कराया जाय, पार्को का सुंदरीकरण कराया जाय, लगातार झुक रहे स्कन्दगुप्त स्तम्भ को यथोचित स्थिति में रखते हुए उसकी सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि 10 सूत्री मांगों के साथ उनका आंदोलन जारी रहेगा।समय समय पर ग्राम प्रधान व जागरूक लोगो ने भी इसकी सुरक्षा के लिए अपनी आवाज़ बुलंद किया है।

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