माल असबाब लूटने के लिए हुई थी सुनील की हत्या, छह अभियुक्त गिरफ्तार

गाजीपुर(उत्तर प्रदेश),19 मार्च 2019। शादियाबाद थाना क्षेत्र की नहर में गत चौदह मार्च को उतराये मिले सुशील के शव की हत्या के रहस्य से आखिरकार पुलिस ने पर्दा उठा दिया। क्राइम ब्रांच तथा शादियाबाद थाना पुलिस की संयुक्त टीम नेे सुशील हत्याकांड से पर्दा उठाते हुए हत्या में लिप्त छह अभियुक्तों को लूट के माल व डीसीएम गाड़ी सहित गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। पुख्ता सूचना के आधार पर कल संध्या समय पुलिस की संयुक्त टीम ने शादियाबाद थाना क्षेत्र के मोहब्बतपुर के बाघीपुर मोड़ से अभियुक्तों को मय सामान उस समय गिरफ्तार कर लिया जब वे चोरी की सामानों को बेचने के लिए अपने डीसीएम गाड़ी से लादकर ले जा रहे थे। सूचना के आधार पर पुलिस ने डीसीएम गाड़ी तथा संग में चल रही अपाचे मोटरसाइकिल को रोका।तत्परता का परिचय देते हुए पुलिस ने मौके से छह लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया। तभी दो लोग मौके का फायदा उठाकर भाग निकले।

उक्त जानकारी पुलिस अधीक्षक डा.अरविन्द चतुर्वेदी ने आज प्रेसवार्ता में दी है। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान आसिफ खां उर्फ राजू पुत्र हुसैन खां निवासी डहराकलां थाना सैदपुर, दिलनवाज अंसारी पुत्र सबीर अंसारी निवासी मछटी थाना भांवरकोल सहित थाना कासिमाबाद के बहादुरगंज निवासी गिरीश बरनवाल पुत्र जगदीश बरनवाल,श्रवण चौहान पुत्र रमेश चौहान, संजय सोनकर पुत्र महेन्द्र सोनकर तथा बिट्टू वर्मा पुत्र संजय वर्मा के रुप में हुई। अभियुक्तों के पास से पुलिस टीम ने लूट में प्रयुक्त डीसीएम गाड़ी, लूटे सामान,चार मोबाइल, एक अपाचे बाइक तथा मृतक सुशील की डीसीएम व उसका मोबाइल तथा साढ़े चार हजार रुपए नकद बरामद किया।
बताते चलें कि शादियाबाद पुलिस ने नहर से मिले शव की पहचान सुशील कुमार उर्फ सुनील यादव निवासी कुंवरपुर नन्दगंज के रुप में हुई थी। उसके सिर और गले पर चोट के निशान पाये गये थे।शव को पोस्टमार्टम हेतु भेंज कर इलाकाई पुलिस हत्याकांड के रहस्य से पर्दा उठाने में जूट गयी थी। हत्याकांड की जानकारी पर पुलिस अधीक्षक डा.अरविन्द चतुर्वेदी ने टीमों का गठन कर शीघ्र घटना का अनावरण करने का आदेश दिया था।
पुलिस को जानकारी मिली कि मृतक अपनी डीसीएम गाड़ी से हिन्दुस्तान लिवर डिपो रामनगर वाराणसी से सामानों को लेकर डिलीवरी के लिए गया था, परन्तु जब वह तेरह मार्च को भी घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसका पता लगाना शुरू किया। दूसरे दिन उसका शव शादियाबाद की नहर से बरामद हुआ था। पुलिस अपनी जांच में रामनगर भी गयी और जानकारियां हासिल की। इसी बीच एक सूचना के आधार पर क्राइम ब्रांच के निरीक्षक विश्वनाथ यादव तथा शादियाबाद थाना प्रभारी निरीक्षक राजा राम ने अभियुक्तों को मय माल गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अभियुक्त राजू ने बताया कि उसके गांव के मुश्ताक खान और इम्तियाज़ खान 11/12 मार्च की रात मुझे व दिलनवाज को अपने साथ ले गए थे। पूर्व योजना के अनुसार एक स्थान पर मुश्ताक ने अपनी डीसीएम को रुकवाया तो पीछे से आ रहे सुशील ने भी अपनी डीसीएम रोक दी और नीचे उतर आया।उसी बीच पीछे से आकर मुश्ताक ने सुशील के गले में रस्सी का फंदा लगाकर उसे गिरा दिया और हम चारों ने मिलकर उसे मारकर नहर में फेंक दिया था।इसके बाद मुश्ताक सुशील की माल से भरी डीसीएम लेकर चला गया।बाद में गिरीश बरनवाल से सौदा कर हमलोग माल बेचने जा रहे थे तभी पुलिस ने हमें पकड़ लिया।
पुलिस ने विधिक कारर्वाई करते हुए अभियुक्तों को न्यायालय में पेश कर जेल भेंज दिया।

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