इंतकाल ! नहीं रहे शायर बेदम जलालाबादी

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश),18 मार्च 2019।जखनियां तहसील क्षेत्र के जलालाबाद निवासी मोहम्मद सईद अंसारी उर्फ बेदम जलालाबादी का 72 वर्ष की उम्र में लम्बी बिमारी के बीच कल शाम सात बजे इन्तकाल हो गया।
इलाकाई मिट्टी में खिले गीतों की मादक सुगंध को मुकाम देकर उन्होंने चाहनेवालों के जरिए पूरे हिन्दुस्तान में बिखेरा था।
बताते चलें कि बेदम साहब तीन माह पूर्व अपने भाई के इन्तकाल पर मिट्टी देने अपने पुश्तैनी गांव गए थे।जहां वे मस्तिष्क पक्षाघात के शिकार हो गए। ब्रेनहैम्रेज के चलते विगत तीन महीने से कोमा में थे।
अपनी रचनाओं से उच्च मुकाम हासिल करने वाले मोहम्मद सईद अंसारी उर्फ बेदम जलालाबादी साहब का नाम हिंदुस्तान के मशहूर शायरों में गिना जाता रहा है । गीतों की विभिन्न विधाओं यथा – कव्वाली, ग़ज़ल, खमसा, मुसद्दस, शहादत, नात शरीफ, मुजाहिदाना आदि में उनकी रचनाएं उनकी काबिलियत को दर्शातीे हैं। बेदम साहब द्वारा लिखी गीतों को हिंदुस्तान के मशहूर कव्वाल और कव्वाला आज भी बड़े शौक से गाते हैं। हिंदुस्तान की नामचीन कैसेट्स कंपनियों जैसे टी सीरीज ,भारत, चंदा, सोनी ,नमाज़ ए हक के लिए गीत लिखकर अपनी कलम की काबिलियत का एहसास कराने वाले बेदम जलालाबादी साहब की गीतों को सफी परवाज, यूनिस हलचल, इकबाल वारसी, युसूफ आजाद ,तस्लीम आरिफ,टीना परवीन, बच्चा एक लाख, मुन्नन बानो,बेबी डिस्को, अशोक जख्मी जैसे हिंदुस्तान के ढेरों प्रसिद्ध कव्वाली गाने वालों ने अपनी आवाज देकर बुलन्दियो तक पहुँचाया।

रिपोर्ट- गौरीशंकर पाण्डेय

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