महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पाण्डेय! 47वीं की शहादत दिवस पर विशेष

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश)। आध्यात्मिक, धार्मिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक विरासत संजोये गाजीपुर की उर्वरा बलिदानी धरा ने समय-समय पर ऐसे – ऐसे लाल पैदा किये हैं, जिन्होंने अपने कर्मों के बल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। स्वतंत्रता आन्दोलन से लेकर स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत भी राष्ट्र की रक्षा में अपने आप को समर्पित करनेवाले रणबांकुरों की यहां एक लम्बी फेहरिस्त है। राष्ट्र की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र की अमर कीर्ति में चार चांद लगाने वालों में महावीर चक्र विजेता राम उग्रह पाण्डेय का नाम स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। उन्होंने भारत पाक युद्ध 1971 के आपरेशन कैक्टस लीली अन्तर्गत दुश्मन फौज के तीन बैंकरों को नेस्तनाबूद कर नया इतिहास रच दिया।
जिले के वर्तमान जखनियां तहसील व जखनियां ब्लाक क्षेत्र के एमावंशी गांव के किसान हरख नन्दन पाण्डेय व उनकी पत्नी श्यामरथी देवी की संतान के रूप में राम उग्रह पाण्डेय ने एक जुलाई 1942 को जन्म लिया था। प्रारम्भिक शिक्षा गांव में पूरी करने के उपरांत उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उनकी शादी श्यामा देवी के साथ हुई थी। देशप्रेम का जज्बा लिए राम उग्रह पाण्डेय ने 31 दिसम्बर 1962 को सेना के 202 माउंट ब्रिगेड के 8 गार्ड रेजीमेंट में सर्विस नम्बर 13657079 पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

29 वर्षीय लांस नायक राम उग्रह पाण्डेय ने अपने अदम्य साहस, वीरता और पराक्रम के बल पर 1971 के भारत पाक युद्ध के दौरान आपरेशन कैक्टस लिली में पूर्वी सीमा पर मोरपाड़ा में 22/23 नवम्बर की रात में दुश्मन सेना के तीन बंकरों को नेस्तनाबूद कर दिया। अपने बंकरों को नष्ट होता देख बौखलाई पाकिस्तानी फौज की भारी गोलाबारी में वे शहीद हो गये।

देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले इस महावीर को मरणोपरांत सेना के द्वितीय सर्वोच्च पदक “महावीर चक्र” से विभूषित किया गया। तत्कालीन राष्ट्रपति बी बी गिरी ने उनकी धर्मपत्नी श्रीमती श्यामा देवी को गणतंत्र दिवस 1972 को यह पदक प्रदान कर सम्मानित किया।

काफी प्रयासों के बाद उनके गांव एमावंशी में जिला प्रशासन द्वारा 3 अप्रैल 1999 को शहीद स्मारक का निर्माण कराया गया। इसके उपरांत 10 अप्रैल 2000 को सेना के सर्वोच्च मेडल “परमवीर चक्र” विजेता स्वर्गीय वीर अब्दुल हमीद की बेवा रसूलन बीबी द्वारा वहां शहीद प्रतिमा का अनावरण किया गया। अब प्रतिवर्ष उनके पैतृक गांव मे बने शहीद स्मारक पर 23 नवम्बर को भव्य समारोह आयोजित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। शहीद महावीर पं. राम उग्रह पाण्डेय की शहादत दिवस पर इस वर्ष भी भव्य आयोजन किया गया है।
ऐसे महान महावीर को श्रद्धांजलि……….
डॉ. ए.के. राय

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