प्रकाश पर्व दिवाली समृद्धि व सौभाग्य पर्व का हुआ आगाज @ 5 नवंबर को धनतेरस के साथ ही प्रकाश पर्व की होगी शुरुआत

वाराणसी (उत्तर प्रदेश),04 नवम्बर 2018 ।
सनातनी मान्यताओं के अनुसार यह पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें वैद्यराज धनवंतरि, यमराज, लक्ष्मी- गणेश, हनुमान, काली तथा भगवान चित्रगुप्त की पूजा का विधान है। प्रकाश पर्व के नाम पर मनाए जाने वाले इस पर्व में साफ सफाई, स्वच्छता और सदाचार का विशेष ध्यान रखा जाता है। पर्व का शुभारंभ धनतेरस से आरंभ होता है इसलिए सोना चांदी और पीतल की वस्तु खरीदने का कार्य किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीददारी करने से घर में सुख शांति, सौभाग्य और समृद्धि आती है। इस वर्ष धनतेरस का पवित्र पर्व कल 5 नवंबर को होगा। वैसे त्रयोदशी तिथि आज 4 नवंबर की रात्रि 12:51 से आरंभ होकर कल 5 नवंबर की रात 11:17 पर समाप्त होगी इसके मध्य धनतेरस का शुभ मुहूर्त प्रदोष काल और वृष लग्न में कल शाम 5: 49 मिनट से लेकर 7:46 तक रहेगा। आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान धनवंतरि की जयंती इसी दिन मनाई जाती है । वैद्य व चिकित्सक इस दिन उनका पूजन अर्चन कर लोगों के स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं और किसान व गृहस्थ यम दीप जलाकर यमराज से अकाल मृत्यु से छुटकारा की प्रार्थन करते हैं। इस दिन सायं काल यमराज के निमित पुराना दीप जला का घर के दरवाजे के बाहर रखना चाहिए। इस दिन भगवान धनवंतरि और यम पूजन दोनों ही मनुष्य के दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए किया जाता है। इस दिन नये बर्तन खरीदना भी शुभ होता है और फिर लक्ष्मी की आराधना की भी परंपरा है।
इसी क्रम में अगले दिन नरक चतुर्दशी मनायी जाती है। इस वर्ष यह 6 नवंबर को मनायी जायेगी और चतुर्थी तिथि 5 नवंबर की रात 11:17 से आरंभ होकर 6 नवंबर की रात 10:06 तक होगी। नरक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त 6 नवंबर को संध्या 4:07 से 5:45 तक रहेगा। नरक चतुर्थी को हनुमान जयंती के रूप में भी माना जाता है। हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को सायं काल में लगने हुआ था।
शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार उस दिन सरसों का तेल और उबटन लगाकर स्नान करना चाहिए, फिर सायं काल में पुराना दीपक घर के बाहर कूड़े के ढेर पर जलाना चाहिए। प्रातःकाल में सूर्योदय से पूर्व हनुमानजी का दर्शन करना चाहिए।
दीपावली का मुख्य पर्व दीपोत्सव 7 नवंबर को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। उस दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:05 से 2:35 तक तथा संध्या समय 5:41 से संध्या 7:38 तक होगा। अमावस्या तिथि का समाप्ति सात नंबर की रात 9:19 बजे होगी। इसी रात्रि दीपावली की महानिशा में संत साधकों को जागरण कर अपनी साधना करने का अवसर मिलता है।
इसके उपरांत 8 नवंबर को गोवर्धन पूजा तथा अन्नकूट का त्योहार मनाया जाएगा। इसका शुभ मुहूर्त प्रातः 6:42 से दोपहर 11:44 तक होगा। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को मनाया जाता है इस मंदिरों में देवी देवताओं को छप्पन भोग अर्पित किए जाते हैं और गोवर्धन पूजा के निमित्त गांव व कस्बों में गोबर से गोधन बनाकर महिलाएं पूजन करती है ताकि उनके घरों मे अन्न और धन की बढ़ोत्तरी होती रहे।
भाई बहन के अटूट प्रेम का पवित्र पर्व भैया दूज 9 नवंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष इस तिथि का आरंभ आठ नंबर की रात 9:02 से होगा और इसका समापन 9 नवम्बर की रात 9:17 पर होगा। इस दिन प्रातः काल की बेला में बहनें अपने भाइयों को मंगल टीका लगाकर उनकी आरती कर उनके दीर्घायु जीवन की कामना करती हैं। भाई यथा सामर्थ्य बहनों को भेंट देते हैं। इसी दिन कायस्थ समाज द्वारा चित्रगुप्त भी पूजा की जाती है।

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