करवा चौथ ! सजना है सजना के लिए , “चन्द्रोदय रात्रि 7 बजकर 38 मिनट पर “

वाराणसी (उत्तर प्रदेश), 27 अक्टुबर 2018 ।सुहागिन महिलाओं के अखण्ड सौभाग्य का व्रत करवा चौथ भारतीय सनातन संस्कृति के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि को हर वर्ष हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विधि विधान से पूजन अर्चन और व्रत उपवास करने से व्रती को जहां मानसिक शांति प्राप्त होती है वहीं शारीरिक लाभ भी मिलता है। सुहागिन स्त्रियों द्वारा अपने पति के दीर्घायु के लिए हर्ष व उल्लास के साथ करवा चौथ का व्रत विधि विधान से करती हैं।

इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी आज 27 अक्टुबर को संध्या समय 6 बजकर 38 मिनट से आरम्भ हो रही है और अगले दिन अर्थात रविवार 28 अक्टुबर को संध्या 4 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। इस लिए इस वर्ष करवा चौथ का व्रत आज रखा जायेगा ।चन्द्रोदय आज रात्रि 7 बजकर 38 मिनट पर होगा। आज प्रातः काल से ही सुहागिनों ने अपने अखण्ड सौभाग्य के लिए व्रत का संकल्प लेकर व्रत आरभ्म कर दिया है।व्रती महिलाएं आज निर्जल व निराहार रहकर पूरे दिन उपवास रखकर नव वस्त्रों व आभूषणों से सुसज्जित होकर देवाधिदेव महादेव,माता पार्वती,गणाधिपति गणेश व कार्तिकेय का पूजन कर कथा का श्रवण करती हैं। इस पूजा के लिए चांदी, सोना, पीतल या फिर मिट्टी के करवे में जल भरकर, श्रृंगार की सभी सामानों को थाल में सजाकर रखती हैं। धार्मिक विधियों के अनुसार चन्द्रोदय के बाद चन्द्रमा को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करती हैं। इसके उपरांत चलनी से चन्द्रमा की चांदनी मे पति को देखकर आरती उतारकर पति के हाथों जल पीकर अपने उपवास को खोलती हैं। इसमें परिवार मे विविध प्रकार के व्यंजनों को बनाया जाता है जिसका भोग लगाया जाता है। इसके पूर्व परिवार के श्रेष्ठजनों यथा सास ससुर, जेठ जेठानी व अन्य को उपहार देकर उनसे व्रती महिलाएं अखण्ड सौभाग्य और खुशहाल जीवन का आशीर्वाद लेती है।
इस व्रत के करने से पति पत्नी के मध्य रिश्ते में प्रगाढ़ता आती है और उनके आपसी रिश्तों में जीवन भर मधुरता व्याप्त रहती है।

Views: 227

Leave a Reply