पर्यटन! क्रूज से सैलानी 750 रूपए में ले सकेंगे गंगा व काशी की छटा का आनंद

वाराणसी (उत्तर प्रदेश),10 अगस्त 2018। विश्व की प्राचीन नगरी काशी में गंगा में क्रूज संचालन का सपना आगामी 15 अगस्त से साकार होने वाला है। वन विभाग ने इसके संचालन की अनुमति दे दी है। क्रूज “अलकनंदा” द्वारा पर्यटक अब प्रतिदिन काशी के प्राचीन घाटों का दर्शन व गंगा आरती का नयनाभिरामी दृश्यावलोकन कर सकेंगे। 15 अगस्त से इसका संचालन शुरू करने की तैयारी है। पर्यटन विभाग सहित कई निजी कंपनियां भी क्रूज संचालन की तैयारी कर रही हैं। स्टार्टअप इंडिया के तहत नार्डिक क्रूजलाइन, अस्सी घाट से पंचगंगा घाट के बीच इस डबल डेकर क्रूज का संचालन करेगी। जलस्तर बेहतर होने पर इसे कैथी से चुनार के बीच इसे संचालित किया जा सकेगा। इस क्रुज पर पार्टी, बिजनेस मीटिंग, शादी-विवाह यहां तक कि रुद्राभिषेक जैसे आध्यात्मिक आयोजन भी इसमें सम्पन्न कराए जा सकेंगे । सुबह-ए-बनारस और शाम को गंगा आरती का शानदार नजारा इस क्रूज से लिया जा सकेगा। पर्यटकों की मांग पर दिन में भी इसको संचालित किया जा सकेगा। आईडब्ल्यूएआई क्रूज संचालन में सहयोग करेगा। यह पहली क्रूज कंपनी है जिसने उत्तर प्रदेश में क्रूज संचालन के लिए पर्यटन विभाग में रजिस्ट्रेशन कराया है।
गंगा में चलने वाले इस डबल डेकर क्रूज का प्रथम तल पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। द्वितीय तल पर रेस्टोरेंट के साथ ही फोटोग्राफी के लिए ओपेन एरिया बनाई गई है। टीवी की स्क्रीन पर काशी के इतिहास व घाटों की महत्ता का होगा लाइव प्रसारण। गाइड विभिन्न भाषाओं में सैलानियों को काशी के बारे में पूरी जानकारी देंगे। क्रूज के पिछले हिस्से में रैम्प बनाया गया है जहां धार्मिक आयोजन हो सकेंगे जिसमें 125 लोग तक शामिल हो सकेंगे। संगीत संध्या का होगा आयोजन। क्रूज पर सफर के लिए एक व्यक्ति को 750 रुपये का शुल्क देने होंगे। इस पैकेज में उसे ऊपर-नीचे आने जाने की छूट के साथ बनारसी खान-पान का भी आनंद मिल सकेगा। हवाई जहाज की तरह सैलानियों को खाना-पीना भी मिलेगा। अभी इसका संचालन अस्सी घाट से पंचगंगा घाट तक होगा जो पर्यटकों की मांग पर बढ़ाया भी जा सकता है।

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