कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को किया खारिज, दिया विवेचना का आदेश

गाजीपुर (उत्तर प्रदेश),25 जुलाई 2018। सदर कोतवाली क्षेत्र के आमघाट स्थित ग्रामोद्योग कार्यालय में तैनात चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कमलकांत साहनी पर धोखाधड़ी करने तथा आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में न्यायालय ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को खारिज करते हुए पुन: विवेचना करने का आदेश दिया है। वाद के अनुसार जिले के सिउरा निवासी तेज प्रताप राय ने आरोप लगाया था कि कमलकांत ग्रामोद्योग कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है, लेकिन उसने अवैध तरीके से करोड़ों की सम्पत्ति बनाई है। इस आरोप के बाद ग्रामोद्योग बोर्ड सतर्कता विभाग के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी एनपी मौर्य ने जांच की। जांच के उपरांत न्यायालय के आदेश पर सदर कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर फाइनल रिपोर्ट लगा मामला कोर्ट के सुपुर्द कर दिया। रिपोर्ट देख विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) दिवाकर प्रसाद चतुर्वेदी की अदालत ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को खारिज करते हुए पुन: विवेचना करने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने स्पष्ट कहा कि विवेचक ने आरोपी कमलकांत, उसके परिवार के सदस्यों व कुछ स्वतन्त्र गवाहों के बयानों व उनके शपथपत्रों के आधार पर संपत्ति को पारिवारिक बता आरोपी को बचा लिया ,जबकि विवेचक को दिए गये बयान में दो स्वतन्त्र गवाहों ने स्पष्ट कहा है कि आरोपी के पत्नी व बच्चे अलग रहते हैं ,उनका संयुक्त परिवार नहीं है और अर्जित सम्पत्ति आरोपी की ही है। ऐसे में मामले की फिर से विवेचना कराना न्याय संगत है। अब एक बार फिर इस मामले की गेंद पुलिस के पाले में आ गिरी है और विवेचना को लेकर दोनों पक्ष एक बार फिर फाइनल रिपोर्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

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