सवा लाख पार्थिव शिवलिंग के अर्चन के बाद होगी महाकुंभ पूर्णाहुति – स्वामी भवानीनंदन यति 

गाजीपुर। सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर एवं जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज द्वारा महाशिवरात्रि की रात्रि के चारों प्रहर असंख्य पार्थिव शिवलिंग बनाकर भव्य पूजन रुद्राभिषेक कर महाकुंभ की पूर्णाहुति की जाएगी।


       इसके लिए गुरुवार 20 फरवरी से महारूद्र स्वाहाकार एवं शतचंडी का आयोजन काशी के प्रकांड वैदिक विद्वानों के आचार्यत्व में जारी है।इसकी पूर्णाहुति महाशिवरात्रि की रात्रि में महानिशा पूजा के दौरान किया जाएगा।

         बताते चलें कि प्रयागराज के महाकुंभ में प्रायः बसंत पंचमी स्नान के बाद जहां तमाम सिद्ध संत महात्मा अपने शिविर विसर्जित कर गंतव्य को प्रस्थान कर जाते हैं। वही 750 वर्ष प्राचीन सिद्धपीठ श्री हथियाराम मठ के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज द्वारा अपनी सिद्धपीठ की परंपरानुसार पूरे 45 दिनों तक प्रयागराज महाकुंभ क्षेत्र में ही प्रवास किया जा रहा है। सेक्टर 19 शंकराचार्य चौक मुरी मार्ग पर स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ के शिविर में प्रारंभ से ही तीन महामंडलेश्वर एक साथ प्रवास कर रहे हैं, वहीं अनवरत पूजन अनुष्ठान व भंडारा लगातार चल रहा है।

        सिद्धपीठ पीठाधीश्वर जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनंदन यति जी महाराज ने बताया कि सिद्धपीठ की परंपरानुसार महाशिवरात्रि की महानिशा में चारों प्रहर सवा लाख पार्थिव शिवलिंग (मिट्टी के शिवलिंग) बनाकर सभी प्रहरों के अलग-अलग रुद्राभिषेक पूजन अभिषेक किया जाता है। जिसे हम महानिशा की महापूजा कहते हैं। इस महापूजा में देश के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों की संख्या में सिद्धपीठ से जुड़े शिष्य श्रद्धालु पहुंचेंगे। इस पूजन अर्चन के बाद महाकुंभ से सिद्धपीठ हथियाराम मठ का शिविर हटाया जाएगा, जो महाकुंभ के पूर्णाहुति भी होगी। इस आयोजन के मुख्य यजमान शिवानंद सिंह व सिद्धपीठ हथियाराम मठ के समस्त शिष्य भक्त मंडल होंगे।

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