कारागार व बन्दी सुधार में अपराध निरोधक समिति निभा रही महत्वपूर्ण भूमिका
कारागार में निरुद्ध महिलाओं के साथ रह रहे बच्चों को भी शिक्षा व अच्छा बचपन मिलना भी कारागार सुधार का महत्वपूर्ण अंग – डॉ. उमेश शर्मा,चेयरमैन -उ.प्र. अपराध निरोधक समिति
हमीरपुर। उ.प्र. अपराध निरोधक समिति के सौजन्य से जिला कारागार, हमीरपुर में करीब दो लाख रूपये की लागत से कराये गये इंटरलॉकिंग मार्ग का उद्घाटन समिति के चेयरमैन डॉ उमेश शर्मा तथा प्रभारी जेल अधीक्षक/जेलर श्री के०पी० चन्दीला द्वारा संयुक्त रूप से फीता काट कर किया गया।
इसके साथ ही समिति द्वारा महिला बैरक में निरूद्ध महिला बन्दियों को रोजगार परक/स्वालम्बी बनने के उद्देश्य से दो सिलाई मशीन प्रशिक्षण हेतु प्रदान की गयी। महिला बन्दियों के साथ रह रहे नौ बच्चों को कपड़े, स्कूल बैग, नोटबुक सेट, एवं बच्चों के केंच के लिए साइकिल रिक्शा, डकबोट एवं स्कूटर उपलब्ध कराये गये। कारागार में संचालित लाइब्रेरी हेतु 101 पुस्तकें भी प्रदान की गई। कारागार में उपलब्ध सुविधाओं को देखकर समिति के पदाधिकारियों ने प्रभारी अधीक्षक / जेलर को भव्य राम मन्दिर का प्रतीक चिन्ह भेंट कर अंगवस्त्र से अलंकृत किया।
इस अवसर पर चेयरमैन डॉ.उमेश शर्मा ने कहा कि कारागार में निरुद्ध महिलाओं के साथ रह रहे छोटे बच्चों को भी शिक्षा व अच्छा बचपन मिलना भी कारागार सुधार का ही एक महत्वपूर्ण अंग है। उ.प्र.सरकार, प्रशासन व स्थानीय कारागार प्रशासन के साथ, अपराध निरोधक समिति भी विगत वर्षो की भांति अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर योगदान देती रहेगी।क
श्री शर्मा ने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने गत 26 नवंबर (शनिवार) को सुप्रीम कोर्ट में अपने पहले संविधान दिवस संबोधन में गरीब और आदिवासियों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि जमानत राशि भरने के लिए पैसे की कमी के कारण वे जमानत मिलने के बावजूद जेल में हैं। समिति इस कार्य को अब और सघनता से करेगी,जिससे कि छोटे जुर्माने समिति के सहयोग से जमा कर उन्हें मुक्त कराया जा सके और कभी अपराध न करने की शपथ दिलाकर उनको समाज की मुख्य धारा में पुनः लाया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के यशस्वी मुख्यमत्री योगी जी के शासन में यूपी की जेल अब “सुधार गृह” के रूप में स्थापित हों रही हैं जिसमें कारागार मंत्री, कारागार मुख्यालय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन व् जिला कारागार प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी के कहे अनुसार जेल अधिनियम 1894 का उद्देश्य अपराधियों को अनुशासित तरीके से हिरासत में रखना है, लेकिन हमें सुधार और पुनर्वास पर ध्यान देना होगा, तो अब वैसा ही सुधार देखने को मिल रहा है जिससे कि अब जेलों को ‘सुधार गृह’ के रूप में स्थापित करने का कार्य सतत जारी है। इस उद्देश्य से हर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। इस अवसर पर समिति के वाइस चैयरमैन वीरेन्द्र शर्मा, अनुसचिव अमित जैन, डॉ सच्चिदानन्द, डिप्टी जेलर संगेश कुमार एवं सरला देवी, शिक्षाध्यापक गजेन्द्र सिंह, वरिष्ठ सहायक रामाश्रेय यादव सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
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