जेल अधीक्षक को शासन ने किया निलंबित
गाजीपुर। जेल अधीक्षक पर लटकी खतरे की तलवार आखिरकार उन पर कहर बरपा गयीजेल में बंद कैदियों से पैसा लेकर अवैध रूप से मोबाइल फोन द्वारा उनकी बाद कराने के मामले में दोषी पाए गए जेलर व डिप्टी जेलर के निलम्बन के बाद शासन ने जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह को मंगलवार को निलंबित कर दिया। जेल अधीक्षक गाजीपुर की जिम्मेदारी अब मऊ के जेल अधीक्षक आनंद शुक्ला को सौंपी गई है। वह दोनों जेलों की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे
बताते चलें कि बिहार में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने के आरोपी विनोद गुप्ता द्वारा जेल से फोन पर बात करने और पीड़ितों को धमकाने का मामला प्रकाश में आया था। उसने विपक्षियों को मोबाइल से फोन कर कॉल कर गवाही न देने का दबाव बनाया था और बदले में पैसा देने की भी पेशकश की थी। इस मामले में पुलिस व प्रशासन की जांच से मामले की पुष्टि हुई। वहीं डीआईजी जेल की जांच में भी मामले की पुष्टि हुई थी। प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर डीजी जेल पीवी रामाशास्त्री द्वारा जेलर राकेश कुमार वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती देवी को निलंबित किया गया और जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह पर कार्रवाई हेतु शासन को पत्र लिखा था, जिसके बाद शासन द्वारा यह कार्रवाई की गयी है।
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