घटिया भवन निर्माण में फंसे ग्राम प्रधान जी
बीम खिसक गयी नीचे और छत से टपकता है पानी
गाज़ीपुर। पंचायत भवन के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग कर निर्माण कार्य पूर्ण कराने की शिकायत पर करायी गयी जांच में आरोप सही साबित हो गया। इससे निर्माण कार्य में संलिप्त लोगों में हड़कंप मच गया है। यह सनसनीखेज घटना सादात क्षेत्र के देवापार गांव में हुई है। पंचायत भवन की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बरसात में एक तरफ भवन के छत से पानी टपकता है तो दूसरी तरफ छत पर लगायी गयी बीम भी लटककर नीचे आ गयी है।
बताते चलें कि पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा बनवाए गये पंचायत भवन के निर्माण में सफेद बालू और तिसरे दर्जे की ईंटों के प्रयोग की जानकारी मिलने पर इसकी शिकायत लेखपाल पंकज सिंह ने आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज कराई थी। इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए उपनिदेशक पंचायत वाराणसी मंडल ने सादात ब्लॉक के सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और अवर अभियंता को सत्यता की जांच का आदेश दिया था।
शिकायकर्ता लेखपाल ने बताया कि इसी जूनियर इंजीनियर की निगरानी में भवन का निर्माण हुआ था। वहीं सहायक विकास अधिकारी ने जांच के बाद रिपोर्ट देते हुए पुष्टि किया कि शिकायत में दर्शाए गए सभी मुद्दे सत्य हैं। इसमें घटिया ईंटों और बालू के प्रयोग के साथ ही छत और बीम के लटक जाने की भी समस्या मौके पर देखने को मिली है। जिसके बाद वर्तमान प्रधान को मरम्मत करने का निर्देश दिया गया है। इसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि आदेश के क्रम में मरम्मत के लिए धनराशि कहां से आएगी? लेखपाल पंकज सिंह का कहना है कि केवल मरम्मत करने मात्र से ही समस्या का समाधान सम्भव नहीं है। छत और लटकती बीम को तोड़कर फिर से बनाना ही इसका एकमात्र उपाय है। ग्रामीणों की नजर अब इस पर टिकी है कि निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग की पुष्टि होने के बाद धांधलीबाजों पर क्या प्रशासनिक कार्रवाई की जाती है। उनका कहना था कि भवन निर्माण में हुई अनियमितताओं व भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और साथ ही साथ वसूली भी होनी चाहिए ताकि अन्य लोग इससे सबक ले सकें।
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