स्वास्थ्य मेले में नदारत रहे चिकित्सक

गाज़ीपुर। जन मानस को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला, विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के कारण मजाक बनकर रह गया है। यह लाभकारी योजना धरातल के बजाय कागजों पर उतर रही है। विभागीय अधिकारियों और चिकित्सकों की लापरवाही के चलते इसका लाभ मरीजों को मिलना मुश्किल हो रहा है। सादात नगर स्थित सीएचसी पर रविवार को यही नजारा देखने को मिला, जहां मेले में कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं होने के कारण अस्पताल पहुंचे दर्जनों मरीजों को बिना उपचार कराए ही घर वापस लौटना पड़ा। 

      उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का उद्देश्य था कि एक ही छत के नीचे आयुर्वेद, होम्योपैथ व एलोपैथ के चिकित्सक एक साथ बैठकर मरीजों को उनकी पसंद के अनुसार इलाज करेंगे, परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सादात इसका अपवाद है और वहां पर इसके ठीक उल्टा होता है। आरोग्य मेला में केवल आयुर्वेद के चिकित्सक रहते हैं, अन्य चिकित्सक आते ही नहीं हैं और इस बार तो वह भी नदारत रहे। बताया गया कि डा. यशवंत गौतम आपरेशन कराकर अवकाश पर हैं, जिनके स्थान पर भीमापार के चिकित्सक डा. दिनेश गुप्ता की ड्यूटी लगाई गई है, वह भी नदारद रहे।

      स्वास्थ्य मेले में कई बार इस केंद्र की लापरवाही उजागर हो चुकी है लेकिन प्रशासन ने कभी इसकी सुधि नहीं ली। जब इसकी शिकायत मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. देश दीपक पाल से की गई तो उन्होंने सीएचसी सादात पर चिकित्सकों द्वारा बरती जा रही लापरवाही की जांच करके कार्रवाई किए जाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया।

      लोगों का कहना है कि सीएमओ की ढुलमुल कार्यशैली के चलते कोई कार्रवाई नहीं होने से शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है। लोगों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए स्वास्थ्य मेले में चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि जनता को इसका लाभ मिल सके।

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