जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया की वर्चुअल मीटिंग में पत्रकारों की समस्यायों पर हुआ विचार

ओडिशा, पंजाब, झारखंड, बिहार और यूपी के पत्रकार हुए शामिल

लखनऊ। गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा पत्रकारों के उत्पीड़न, फर्जी मुकदमा कायम करने और उन्हें परेशान करने को लेकर एक वर्चुअल मीटिंग संस्था के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना की अध्यक्षता में वुधवार को सम्पन्न हुई।

बैठक में सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को उचित सुविधा, सुरक्षा एवं सहायता न दिए जाने को लेकर चिंता व्यक्त की गई। संस्था के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि सरकार गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों की उपेक्षा करके क्या सिद्ध करना चाहती है, यह समझ से परे है। वास्तविकता यह है कि सूचना संकलन में इन्हीं पत्रकारों की महती भूमिका है अगर यही पत्रकार अपनी कलम बंद कर दें तो समाचारों का संकलन अधूरा रह जाएगा। शहरी क्षेत्रों से दूरदराज के क्षेत्रों से खासकर ग्रामीण क्षेत्रो के समाचारों का संकलन साधारण बात नहीं है, फिर भी इन्हीं पत्रकारों पर फर्जी मुकदमें कायम करवाना, इन्हें ईमानदारी से अपना काम न करने देना एवं सरकार द्वारा आवश्यक सुविधाएं न दिया जाना अत्यन्त चिन्तनीय है।
डॉ0 आर सी श्रीवास्तव ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार यदि गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सुविधा नहीं प्रदान करती है और यदि इन्हें पत्रकार का दर्जा नहीं देना चाहती है, तो सरकार को पत्रकारों के लिए एक अलग कानून बनाकर विभिन्न स्तर पर पत्रकारों की योग्यता निर्धारित करना चाहिए। आज बहुत मामूली पढ़े लिखे लोग मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं जबकि पत्रकारिता की डिग्री लेकर भी लोगों को अपना अस्तित्व कायम करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र पांडेय ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय आ गया है पत्रकारों को आपसी सामंजस्य बनाकर अपनी समस्या सरकार के आगे रखना चाहिए और अपने हक के लिए संघर्ष करना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार अजय शुक्ला ने कहा कि पत्रकारों को अब एक मंच पर आकर अपनी समस्या के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए क्योंकि झाड़ू की तीली जब अकेली होती है तो आसानी से टूट जाती है परंतु झाड़ू को तोड़ना इतना आसान नहीं है।
सचिन श्रीवास्तव जी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नए पत्रकारों को वरिष्ठ पत्रकारों से सीखना चाहिए और जहां भी वह भटके अपने वरिष्ठ के निर्देशन में कार्य करना चाहिए इससे उनकी क्षमता में निखार आएगा और वह और अच्छी पत्रकारिता कर सकेंगे।
इसी प्रकार से डॉ0 अरशद अली ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि पत्रकार अपने हक और हुकूक की लड़ाई के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें। पंजाब से पत्रकार विशाल शर्मा ने कहा कि हर वर्ष गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है लेकिन सरकार की ओर से न सुरक्षा मिल रह रही है, न सहूलियत।
इस वर्चुअल मीटिंग मे जहां वरिष्ठ पत्रकारो ने अपने अनुभवों व सुझावों को साझा किया तो वही युवा पत्रकारों ने अपनी समस्याओ से अवगत कराया। इस अवसर ओडिशा से किशोर कुमार मोहंते,झारखंड से विश्वजीत नंदा,पंजाब से विशाल शर्मा,बिहार से मोसाहेब अहमद और उत्तर प्रदेश से अजय शुक्ला,डा0 आर सी श्रीवास्तव, नागेन्द्र पांडेय, सचिन श्रीवास्तव,अम्मार आब्दी,बी त्रिपाठी,राजा अवस्थी,विक्रांत सिंह,डा0 अरशद अली सहित लगभग दो दर्जन से अधिक पत्रकारों ने वर्चुअल मीटिंग में हिस्सा लिया।
जेसीआई संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि अब हम लोग पत्रकारों की समस्याओं को लेकर लगातार ऐसी मीटिंग करते रहेंगे ताकि पत्रकार जागरूक हो सकें और अपने हक के लिए अपनी आवाज बुलंद कर सके।

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