चालान के नाम पर न हो पायी धन उगाही

गाजीपुर। दुल्लहपुर थाना के पुलिसकर्मियों द्वारा रूपए ऐंठने की आदत को लेकर जनमानस में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
बताया गया कि कुछ पुलिसकर्मी चट्टी चौराहे पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए वाहन चालकों, सब्जी बेचने वालों को पुलिसिया कार्रवाई का हवाला देकर धन उगाही करने में मस्त हैं। सब कुछ ठीक होने के बावजूद बिना वजह चालान के नाम पर धन उगाही इन दिनों चर्चा का बिषय है।
ताजा मामला क्षेत्र के सिखड़ी बाजार का प्रकाश में आया है। जहां थाना की पुलिस सब्जी विक्रेता रामदीन कुशवाहा को थाने बुलाकर धारा 290 के अंतर्गत पुलिसिया रौब गांठते हुए वसूली करना चाही लेकिन मामला थानाध्यक्ष के संज्ञान में आते ही उलट गया।
बताते चलें कि सिखड़ी बाजार में सड़क की पटरी से 3 मीटर दूर दुकान लगाने के बावजूद सब्जी विक्रेता केसरूआ गांव निवासी रामदीन कुशवाहा का धारा 290 के तहत चालान काटा गया और थाना पर संपर्क कर मामला रफा दफा करने की बात भी बताई गई। साथ ही साथ किसी प्रकार के पैरवी पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई। सब्जी विक्रेता ने जब बिना वजह चालान काटने का विरोध किया तो पुलिसकर्मी उलझ गया। दूसरे दिन जमानती वारंट को लेकर स्थानीय थाने का सिपाही बिना नेम प्लेट के ही दुकानदार के पास पहुंचा और दुकानदार से जमानत के नाम पर पैसे की मांग किया। दुकानदार द्वारा पैसा नहीं देने पर थाने पर आकर मिलने की बात कहकर अपना मोबाईल नम्बर देकर चला गया। दुकानदार रामदीन कुशवाहा परेशान हाल में थाने पहुंचा और थानाध्यक्ष को पूरी बात बताई। थानाध्यक्ष ने मामला सुनने के बाद सिपाही द्वारा दिया गया नंबर मिलाया तो वह कांस्टेबल का निकला। थानाध्यक्ष ने जहां उस पुलिसकर्मी को कड़ी फटकार लगाई वहीं दुकानदार को न्यायालय जाने की सलाह दी तथा वहीं जाकर जुर्माना भरने की बात कही।
घटना जानने के बाद लोगों का कहना है कि सड़क के किनारे सब्जी,फल,फूल आदि की दुकान लगाकर अपनी रोजी रोटी चलाना कोई बड़ा अपराध नहीं है। यदि यह अपराध माना जाये तो शहर से लेकर बाजारों,चट्टी, चौराहों तक प्रतिदिन देखा जा सकता है। शहर में प्रशासनिक अधिकारियों की नाक के नीचे रोजाना यह कार्य होता है।

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