बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य हेतु मॉक ड्रिल सम्पन्न

गाजीपुर। बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को लेकर, गंगा तट के कलक्टर घाट पर आयोजित मॉक ड्रिल कार्यक्रम जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की उपस्थित में सम्पन्न हुआ। इसके अन्तर्गत नदी में डूब रहे व्यक्ति को बचाने व टापू में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने का पूर्वाभ्यास किया गया।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वाधान में गुरूवार को तहसील सदर अन्तर्गत गंगा नदी के कलक्टर घाट पर बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य की मॉक एक्सरसाइज की गई।
माकड्रील मे बताया गया कि आपदा प्रबन्धन के अन्तर्गत इंसीडेंट रिस्पॉन्श सिस्टम-आईआरएस एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जिसे प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2019 में अधिसूचित किया गया है। आईआरएस के अन्तर्गत प्रभावी आपदा प्रबन्धन हेतु सम्बंधित अधिकारियों/कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें उनके कार्यों के प्रति उत्तरदायी बनाया गया है। इंसीडेंट रिस्पॉन्श सिस्टम एक ऐसा लोचशील तंत्र है जिसके द्वारा आपदा प्रबन्धन में सम्मिलित सभी विभागों/संस्थाओं/एजेंसियों को प्रशिक्षित किया जाता है जिससे आपदा के दौरान जहां भी उनकी आवश्यकता हो उन्हें सक्रिय कर त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
इसमें राजस्व, पुलिस, चिकित्सा, पशु चिकित्सा, आपूर्ति विभाग, पशुपालन, पंचायती राज विभाग,एवं आपदा विशेषज्ञ सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। मॉक एक्सरसाइज के अन्तर्गत आगामी संभावित बाढ़ आपदा की तैयारियों हेतु जनपद स्तर पर निम्न महत्वपूर्ण गतिविधियों का पूर्वाभ्यास किया गया, जिसमें आपदा पूर्व चेतावनी के आधार पर आबादी को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, बाढ़ से घिरे गांवों व लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आपातकालीन राहत सामग्री पहुंचाना, घायलों व मृतकों को निकालना, गोताखोरों व अन्य बलों की सहायता से लोगों को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से निकालकर राहत केन्द्रो पर पहुचाने आदि के सम्बन्ध मे बताया गया। बाढ़ के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए प्रदेश व जनपद स्तर पर पूर्वाभ्यास एवं क्षमता का निर्माण करने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। मॉक ड्रिल में, आकस्मिक बाढ के आ जाने की स्थिति या नौका डूबने पर किसी डूबते हुए व्यक्ति को गंगा नदी से बचा कर निकालने व तत्काल प्राथमिक चिकित्सा हेतु भिजवाने की प्रक्रिया संयुक्त रूप से बचाव दल व चिकित्सकों की टीम द्वारा प्रदर्शित की गयी। मॉक ड्रिल के समय इंसिडेंट कमांड व कम्यूनिकेशन पोस्ट भी स्थापित कर प्रदर्शित किया गया जहां बाढ़ से प्रभावित व्यक्तियों को आवश्यक जानकारी प्राप्त करते देखे गये। मॉक ड्रिल के अन्तर्गत आपदा से प्रभावित जनसंख्या को उनके घरों से सुरक्षित निकाल कर बाढ़ राहत शिविर पर पहुचाया गया जहां प्रभावित व्यक्तियों हेतु मेडिकल कैम्प, खाद्य एवं रसद विभाग के अन्तर्गत भोजन व्यवस्था हेतु शिविर लगाया गया था। मॉक ड्रिल में प्रभावित पशुओं की देखभाल हेतुु पशुपालन विभाग कैम्प भी स्थापित किया गया। आपदा से बचाव हेतु एस0डी0आर0एफ0 फोर्स मुस्तैद रही है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक रोहन पी. बौत्रे, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर जिलाधिकारी वि0./रा., वरिष्ठ कोषाधिकारी, अधिशासीअधिकारी नगर पालिका परिषद, चिकित्सकों की टीम, पशुपालन विभाग की टीम, एस.डी.आर.एफ. के जवान एवं अन्य सम्बंधित अधिकारियों सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

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