डकैत फूलन के अपहरण में शामिल,50 हजार का इनामियां डकैत 24 वर्ष बाद गिरफ्तार

सतना में साधू के वेश में रहता था डकैत, वृद्धावस्था और बिमारी में घर की आयी याद

लखनऊ। कभी चम्बल के बिहड़ो में आतंक का पर्याय और डकैत फूलन देवी के अपहरण का आरोपी तथा 24 वर्षों से फरार चल रहे इनामियां डकैत छिद्दा सिंह को औरैया पुलिस ने,मुखबीर की सूचना पर शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। उस पर लगभग दो दर्जन मुकदमें दर्ज थे।
छिद्दा सिंह उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के भसोन गांव का निवासी है। वह 20 वर्ष की उम्र में अचानक घर से भाग निकला और फिर चंबल के बीहड़ों में जा समाया। धीरे-धीरे वह चंबल के लालाराम गिरोह का सक्रिय सदस्य बना और चंबल में उसके तूती बोलने लगी।
गिरफ्तार छिद्दा सिंह पर आरोप है कि 1981 में बेहमई कांड से पहले जब फूलन देवी का अपहरण विक्रम मल्लाह के ठिकाने से किया गया था तो छिद्दा सिंह उसमें शामिल था। उस समय छिद्दा सिंह लालाराम के गिरोह का मुख्य सदस्य था और लालाराम के लिए अपहरण उद्योग भी चलाता था। वर्ष1998 में उसकी एक बार पुलिस से मुठभेड़ हुई थी, उसके बाद फिल्ड उसका कोई पता नहीं चला।
दो दशक पूर्व जब चंबल में डकैतों का सफाया हुआ तो छिद्दा सिंह वहां से बच बचाकर मध्यप्रदेश के सतना पहुंच गया और क्षद्म वेश बनाकर साधू बृजमोहन दास के नाम से वहां भगवद् आश्रम में रहने लगा।
बताया गया कि इस समय उसकी उम्र 69 वर्ष है और वह बिमारी से टूट चुका है।असहाय होने पर उसे घर की याद आयी। छिद्दा सिंह अपने सहयोगी संन्यासी के साथ बोलेरो गाड़ी से शुक्रवार को अपने गांव भसोन लौटा था। उसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी और पुलिस ने उसे उसके घर से दबोच लिया। वैसे तो छिद्दा सिंह अविवाहित है, लेकिन घर में उसके भाई व अन्य मौजूद हैं।उसके भाई ने उसे अभिलेखों में मृत दर्शा दिया था। इस समय बिमारी के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा है। शनिवार को जब पुलिस ने उसे अपनी गिरफ्त में लिया तो चलने में असमर्थ था। पुलिस उसे पहले अस्पताल में भर्ती कराया। दूसरे दिन रविवार को तबीयत ठीक होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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