अंबेडकर की विचारधारा प्रासंगिक और अनुकरणीय : डॉ रसिकेश

विश्वविद्यालय में अंबेडकर जयंती पर हुए कई कार्यक्रम

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के शोध व नवाचार केंद्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती, कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य की प्रेरणा से ससमारोह मनायी गयी। समारोह का शुभारंभ डॉ भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पार्जन व द्वीप प्रज्ववलन किया गया।
समारोह के मुख्य वक्ता डॉ रसिकेश ने डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों की प्रासंगिकता विषय पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ अंबेडकर ने किसी जाति विशेष की बात न करके भारत को संविधान जैसी अनमोल कृति दी। उनके हर शब्द और विचार आज भी प्रासंगिक और अनुकरणीय हैं। वह दलितों के मसीहा नहीं सर्वसमाज को नई दिशा देने वाले महापुरुष थे। वहीं नीरज श्रीवास्तव ने युग परिवर्तन गीत गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। युवा छात्र नेता उद्देश्य सिंह ने सभी छात्रों व अतिथियों को बालिका सुरक्षा शपथ मिशन शक्ति फेज चार के तहत दिलाई और अपने विचार साझा किया। मिशन शक्ति की सदस्य डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। डॉ श्रीवास्तव ने बताया गूगल मीट के माध्यम से पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों को जोड़ा गया। डॉ राकेश यादव समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना ने महाविद्यालयों को कार्यक्रम से जोड़ा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो वीडी शर्मा ने डॉ अंबेडकर के विचारों पर विस्तृत चर्चा की और डॉ अंबेडकर के विचारों को युग परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण कारक बताया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त विभागों के छात्रों ने भाषण में प्रतिभाग किया, जिसमें आस्था गुप्ता व नेहा गुप्ता को प्रथम पुरस्कार, गिरीश मिश्र व सचिन कुमार को द्वितीय पुरस्कार, मोनिका मौर्य को तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ राजेश कुमार, उद्देश्य सिंह, राज वंश पटेल, आलोक मिश्र, सौरभ कन्नौजिया, शिवभूषण सिंह, विवेक पांडेय, आलोक मौर्य, शनि सरोज, प्रिंस त्रिपाठी, उद्देश्य सिंह, उग्रसेन यादव सहित काफी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।धन्यवाद ज्ञापन डॉ विनीता सिंह व कार्यक्रम का संचालन डॉ विनय वर्मा व डॉ सोनम झा ने किया।

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