पत्रकार हितार्थ पत्रकार सुरक्षा कानून आवश्यक


सभी पत्रकार साथी एकजुट होकर जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने का करे प्रयास 
बरेली। शासन प्रशासन की उपेक्षा के कारण राष्ट्र का चतुर्थ स्तमभ माना जाने वाला पत्रकार आज अपने को असहज और असहाय महसूस कर रहा है। आये दिन पत्रकारों पर हो रहे हमले इसका उदाहरण है कि पत्रकार आज पूरी तरह असुरक्षित है।        पत्रकार हितों की रक्षा के लिए आयोजित गोष्ठी में जर्नलिस्ट कौंसिल आफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने व्यक्त  किया। उन्होंने कहा कि पत्रकार हितों की रक्षा के लिए सभी पत्रकार साथी एकजुट होकर जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने का प्रयास करें।सभी के सहयोग से ही यह संभव हो सकता है।पत्रकारों पर हो रहे हमले और उनकी हत्याओं को सरकार नजर अंदाज कर रही है।अब इसके लिए सभी संगठनो को संयुक्त प्रयास करना होगा।     उन्होने कहा कि आज आवश्यता है कि पत्रकार जन सरोकार की पत्रकारिता करे जिससे उन्हे वह सम्मान प्राप्त हो जिसके वह अधिकारी है। उन्होंने पत्रकारों को  स्वार्थ सिद्धि और पीत पत्रकारिता से बचने की सलाह दी। अनुराग सक्सेना ने कहा कि आज सभी लोग मीडिया बदलाव की बात तो करते हैं पर इनमें कोई भी बदलना नहीं चाहता। सभी एक ही नाव पर सवार हैं पर स्थिति तो डावाडोल और नाजुक है। आम जनमानस की आवाज़ उठाने वाले जब स्वयं  कराह रहे हैं तो  समाज को आइना दिखाने के लिए कौन खड़ा होगा ? सरकार और सरकार के कार्यों पर कौन रखेगा नज़र? हमारी और आपकी परेशानियों को सरकार तक कौन पहुंचायेगा? विद्यार्थियों, कामगारों  और आम जनता की आवाज कौन बनेगा?यह विचारणीय प्रश्न है।    उन्होंने कहा कि अब भी वक़्त है कि हम संभल जायें, चकाचौंध, टीआरपी की दौड़ और पैसों के पीछे न भाग कर हम निष्पक्ष पत्रकारिता पर ध्यान दें तो शायद लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ खोखला होने से बच जाये और पत्रकारों को अपना खोया हुआ सम्मान वापस मिल जाये।आज चाटुकारिता ने हमे दलालों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है।कोई भी कहीं भी हम पर आक्रामक हो जाता है क्यों। इस पर सरकारों का लगातार पत्रकारों की मांगो को नजरअंदाज करना यही दर्शाता है कि हम भी अपने रास्ते और लक्ष्य से भटक चुके हैं।पत्रकारिता और पत्रकारों को अपना खोया हुआ सम्मान वापस लाने के लिए जन सरोकार की पत्रकारिता से जुड़ना होगा। आज पत्रकार निष्पक्ष पत्रकारिता करने से डरता है उसे निष्पक्ष और निर्भीक होकर पत्रकारिता करने के लिए जरूरी है कि देश में अब जर्नलिस्ट प्रोटेक्शन एक्ट लागू हो।इसके लिए अब हमे अपनी एकता कलम के माध्यम से दिखानी होगी।

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