पद्मश्री व पद्मभूषण सम्मान की घोषणा से विद्वजनों में हर्ष

अभिनंदन और सम्मान से जीवन पुण्यों से अभिसिंचित होता है – प्रो हरेराम त्रिपाठी

वाराणसी। भारत सरकार के द्वारा न्याय शास्त्र के पूर्व आचार्य एवं पूर्व प्रतिकुलपति,राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत प्रो वशिष्ठ त्रिपाठी को पद्मभूषण, संगीत (सितार वादक)के प्राध्यापक पं शिवनाथ मिश्र को पद्मश्री एवं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध चिकित्सक/आचार्य प्रो कमलाकर त्रिपाठी को पद्मश्री सम्मान की घोषणा पर, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी के अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार द्वारा चन्दन,माला,स्मृतिचिन्ह एवं अँगपत्रम के साथ अभिनंदन किया गया।
     इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी ने कहा कि आज यहां पर आप सभी के द्वारा जो सम्मान प्राप्त  हुआ,उससे जो खुशी की अनुभूति हुई वह अब तक प्राप्त सम्मानों से नही मिला।यह प्रांगण मेरा जन्म भूमि,कर्मभूमि,जीविका भूमि का क्षेत्र है इसी से सम्मान और पहचान प्राप्त हुआ। इस विश्वविद्यालय की उन्नति ही मेरा सम्मान भाव है।संस्कृत शास्त्र से देश की पहचान है इसके उन्नयन से ही देश की प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि होती है।
     पद्मश्री प्रो कमलाकर त्रिपाठी ने कहा कि आज महामना जी की कृपा से यह सम्मान और वृत्ति मिला।वैद्य जो होता है वह विज्ञ अर्थात विद्वान है।वैद्य ही उपर्युक्त शब्द है,ज्ञानी है।आयुर्वेद ही चिकित्सा की जननी है।
     पद्मश्री सितार वादक पं शिवनाथ मिश्र ने कहा कि 36 वर्ष तक यहाँ पर संगीत साधना का अध्यापन किया,पद्मश्री सम्मान का श्रेय इस संस्था को है। यह सम्मान काशी वासी का है,मेरे शिष्य यहाँ से लेकर यूरोप तक हैं।
   कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति प्रो। हरेराम त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय वाराणसी में राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित पूर्व प्रतिकुलपति एवं न्यायशास्त्र के अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिलब्ध विद्वान एवं पूर्व आचार्य प्रो वशिष्ठ त्रिपाठी जी देवरिया जनपद के मूल निवासी हैं जो कि न्याय शास्त्र के विशिष्ट विद्वान हैं, वर्ष 2001 में यहां के न्याय वैशेषिक विभाग से सेवानिवृत्त  होकर आज 81 वर्ष की आयु में भी नगवा,वाराणसी स्थित अपने आवास पर प्रतिदिन अपने विद्या के माध्यम से विद्यार्थियों को ज्ञान-दान दे रहे हैं। उनका आवास शास्त्रों की पाठशाला है।प्रो त्रिपाठी के विद्यार्थी देश के कोने कोने में न्याय शास्त्र के ज्ञान को विभिन्न तरह से प्रकाशित व प्रसारित कर रहे हैं।कुलपति प्रो त्रिपाठी ने बताया कि यहाँ पर संगीत विभाग के प्राध्यापक जो की बनारस घराने से सम्बंध रखते हैं,जिन्होने सितार वादक के रूप में विश्वफलक पर अपनी पहचान बनाई है। कुलपति प्रो हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि मूल रूप से सिद्धार्थनगर के मदनपुर गांव के निवासी वर्तमान मे रवींद्रपूरी में रह रहे बीएचयू में मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रोफेसर एवं प्रसिद्ध चिकित्सक प्रो कमलाकर त्रिपाठी को समाज मे निशुल्क अहर्निश सेवा के लिए पद्मश्री सम्मान मिला है। यह काशी और इस विश्वविद्यालय के लिये अत्यंत गौरव और सम्मान की बात है।
   इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रो रामकिशोर त्रिपाठी,प्रो सुधाकर मिश्र,प्रो हरिशंकर पान्डेय,प्रो हरिप्रसाद अधिकारी,प्रो रमेश प्रसाद,प्रो शम्भुनाथ शुक्ल,प्रो जितेन्द्र कुमार,प्रो हीरककान्त चक्रवर्ती,प्रो राजनाथ,प्रो विधु द्विवेदी,प्रो अमित शुक्ल,डॉ विजय पान्डेय,डॉ दिनेश गर्ग,डॉ रविशंकर पान्डेय,पं विजय शंकर पान्डेय जनसंपर्कअधिकारी शशीद्र मिश्र आदि उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर राम पूजन पांडेय एवं संचालन शैलेंद्र कुमार मिश्रा ने किया।

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