अटल काव्य संध्या व काव्यसृजन वाटिका-२ का विमोचन सम्पन्न

मुम्बई। रा.सा.सा.व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन द्वारा अटलबिहारी वाजपेयी व पं.मदनमोहन मालवीय जयन्ती, तुलसी पूजन व बड़े दिन के पावन अवसर पर योगिराज श्री कृष्ण विद्यालय सफेदपुल साकी नाका में भव्य साहित्यिक आयोजन सम्पन्न हुआ।
     इस अवसर पर काव्यसृजन द्वारा सम्पादित पुस्तक “काव्यसृजन वाटिका-२होली काव्य संग्रह का विमोचन किया गया और अतिथियों को अंगवस्त्र, तुलसी का गमला, काव्यसृजन वाटिका-२ व पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।
      प्रथम सत्र डॉ सागर त्रिपाठी की अध्यक्षता व  जगद्गुरू पं.विदेह महराज के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ, जिसका संचालन शिक्षक लालबहादुर यादव कमल ने किया। इससे पूर्व अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्वलित कर वंदन अभिनंदन किया गया। प्रथम सत्र में मंचासीन अतिथियों में डॉ सागर त्रिपाठी,रवि यादव एड.एल बी यादव,हौंसिला प्रसाद अन्वेषी,डॉ मिथलेश पाण्डेय,जीतनारायण यादव द्वारा काव्यसृजन वाटिका-२ का विमोचन किया गया, तदोपरांत अतिथियों ने अपना आशिर्वचन संस्था व पुस्तक के रचनाकारों को प्रदान किया।
       इसके बाद बारी आई काव्य वर्षा की।जिसका संचालन एड.राजीव मिश्र ने बड़ी ही चतुराई और सौम्यता से विद्वता के साथ किया। पं.श्रीधर मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लगभग तीसों कवियों ने अपनी रचना की महक सभा में बिखेरी। मंचासीन मुख्य अतिथि प्रदीप कुमार मिश्र,संजय पाण्डेय,शिवदयाल मिश्र,सुरेन्द्र तिवारी, राजीव मिश्र,मोतीलाल बजाज,ओमप्रकाश मिश्र, रविमोहन अवस्थी,संजय उपाध्याय आदि ने कवियों का खूब उत्साहवर्धन किया।
     कवियों में पं.शिवप्रकाश जौनपुरी,रीतेश गौड़,अंजनी कुमार द्विवेदी अनमोल रसिक,लालबहादुर यादव कमल,श्रीनाथ शर्मा,हौसिला प्रसाद अन्वेषी, श्रीधर मिश्र,माता प्रसाद शर्मा, ए.राजीव मिश्र,पवन कुमार मिश्र,रवि यादव,रविमोहन अवस्थी,प्रदीप कुमार मिश्र,सागर त्रिपाठी,पं.विदेह महराज,बीरेन्द्र कुमार यादव,कल्पेश यादव,कु.स्नेहल यादव,संजीवनी शर्मा,सौ.इंदू मिश्रा सुमन तिवारी आदि ने अपनी रचनाओं से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
      अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए संस्था व संस्था के पदाधिकारियों को साधुवाद  दिया। अध्यक्षीय भाषण में सागर त्रिपाठी ने पुस्तक पर अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक शानदार रचना प्रस्तुत कर काव्य आरंभ होने का शंखनाद ही कर दिया। द्वितीय सत्र की अध्यक्षता कर रहे पं.श्रीधर मिश्र ने कवियों को रचनाओं को इंगित करते हुए अपने वक्तव्य दिये व आत्मा से परमात्मा का मिलन कराती हुई रचना प्रस्तुत कर वाहवाहियाँ लूटी|
   अंत में संस्था के संस्थापक अध्यक्ष पं.शिवप्रकाश जौनपुरी ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए घोषणा की कि जल्द ही संस्था आप सबके सहयोग से अपनी लोक विधाओं को जीवंत रखने के लिए काव्यसृजन वाटिका-३ कजरी काव्य संग्रह आप सबके मध्य ऐसे ही भव्य समारोह आयोजित कर विमोचन करायेगी।

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