देश की गाड़ी के ड्राइविंग सीट पर यदि शुरू में कोई और होता तो आज देश की तस्वीर और होती – मनोज सिन्हा

ससमारोह मना महामना पंडित मदनमोहन मालवीय व पूर्व प्रधानमंत्री बाजपेयी का जन्मदिन

गाजीपुर। आज का दिन महत्वपूर्ण दिन है, जो भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इसी दिन दो भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई का जन्मदिन है, जिन्होंने अपने विशिष्ट कर्म व व्यक्तित्व से देश ही नहीं वरन् पूरे विश्व में अपनी अमर कीर्ति स्थापित की। मैं आप सबको उनके जन्मदिन की बधाई देता हूं।
     उक्त वक्तव्य जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल महामहिम मनोज सिन्हा ने क्षेत्र के पंडित मदन मोहन मालवीय इंटर कालेज सिखड़ी में आयोजित भव्य मालवीय जयंती समारोह में मुख्य अतिथि पद से व्यक्त किया।
     इससे पूर्व समारोह के मुख्य अतिथि तथा अध्यक्ष डा.लक्ष्मीकान्त बाजपेयी पूर्व अध्यक्ष भाजपा उ.प्र. ने दीप प्रज्वलित कर तथा मां सरस्वती,महामना  व अटल बिहारी वाजपेयी के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया।
     मुख्य अतिथि मनोज सिन्हा ने शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महामना के आदर्शों के अनुरूप इस विद्यालय ने संस्कारित शिक्षा के बल पर जिले में अपना स्थान बनाया है। भारत के औद्योगिक विकास में महामना का स्थान सर्वोच्च है। भारत रत्न से सम्मानित दोनों महापुरुषों ने संस्कृत राजनीति अपना कर राष्ट्र के नवनिर्माण को गति दी। भारत रत्न से सम्मानित दोनों महापुरुषों ने राष्ट्र हित में सृजनात्मक राजनीति पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि पिछले 7 साल में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। प्रधानमंत्री का सपना सबका साथ सबका विकास सब का प्रयास और सबका विश्वास ही आधुनिक भारत के निर्माण की ओर अग्रसर है।आज समाज के दलित, मजदूर, समाज के हाशिये पर रहे लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने का काम सरकार कर रही है। यदि पहले देश की गाड़ी की ड्राइविंग सीट पर कोई और बैठा होता तो भारत की तस्वीर आज कुछ और होती। आज भारत का नागरिक आश्वस्त है कि आने वाले समय में देश प्रगति के पथ पर तेजी से अग्रसर होगा।देश अब खतरों से सीधा मुकाबला ही नहीं हो रहा बल्कि दुश्मनों के बीच घुस कर मारने का कार्य किया जा रहा है।गाजीपुर को याद करते हुए कहा कि गाजीपुर मेरी चेतना है, मेरा आत्मबल है और यहां के लोगों के आशीर्वाद से ही मैं जम्मू के विकास में लगा हूं।
      उन्होंने कहा कि नयी शिक्षा नीति प्रस्तुत है जो धीरे धीरे लागू होगी और शिक्षा को व्यवसायिक बनाया जा रहा है।उन्होंने मालवीय जी तथा बाजपेयी जी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर, एकता के सूत्र में बंधकर राष्ट्र निर्माण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।
   विद्यालय के प्रधानाचार्य पारसनाथ राय द्वारा मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि व अध्यक्ष को स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।  वहीं कार्यक्रम के अध्यक्ष  डा.लक्ष्मी कांत बाजपेयी द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में योगदान करने वाले विभिन्न क्षेत्रों के सेवानिवृत शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
समारोह में छात्र-छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक ज्ञानवर्धक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में शमां बांध दी।सांस्कृतिक कार्यक्रम में गणेश व सरस्वती वंदना स्वागत गीत, देशभक्ति गीत के माध्यम से नृत्य व संगीत का प्रदर्शन कर लोगों का मन मोह लिया।
  अपने अध्यक्षीय भाषण में डा.लक्ष्मीकान्त बाजपेयी ने महामना को धर्म, संस्कृति का रक्षक बताते हुए कहा कि महामना ने गंगा की निर्मलता के लिए उस समय हरिद्वार से पदयात्रा कर लोगों को उसके लिए सचेष्ट किया था वहीं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई ने अपनी स्पष्टवादिता, गंभीरता तथा विद्वता से भारतीय राजनीति पर अपनी अमित छाप छोड़ी है।दोनों महापुरुषों के दर्शाए मार्ग पर चल कर ही हम प्रगति के पथ पर आगे बढ़ सकते हैं।
    इस अवसर पर विधायक सुनिता सिंह, अलका राय,सुरेंद्र सिंह, पूर्व एम एल सी केदारनाथ सिंह, कृष्ण बिहारी राय सुनील सिंह भाजपा जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष प्रभुनाथ चौहान,शशिकांत शर्मा सहित अनेकों विद्यालयों, महाविद्यालयों के प्रबंधक प्राचार्य, क्षेत्रीय जनता व गणमान्य जन उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन पं.गौरीशंकर पाण्डेय सरस ने किया।

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