20 सूत्री मांगों को लेकर फार्मासिस्टों का धरना

गाजीपुर। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देशानुसार शनिवार को जनपद के प्रभारी अधिकारी/ चीफ फार्मेसिस्ट/ फार्मासिस्टों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समक्ष, मुख्यमंत्री को संबोधित 20 सूत्री मांगों को लेकर धरना दिया। जनपद के फार्मासिस्टों ने शासन प्रशासन द्वारा संवर्ग के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाए जाने का आरोप लगाते हुए आंदोलन का आगाज किया।
      उक्त आशय की जानकारी जनपद अध्यक्ष डॉ ओंकार नाथ पांडेय एवं मंत्री डॉ रमेश चंद्र ने दी। उन्होंने कहा 5 दिसंबर से 8 दिसंबर तक काला फीता बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे जो आगे चलकर अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जायेगा। संघ के पदाधिकारियों ने कहा है कि संघ लगातार सरकार व शासन को पत्रों के माध्यम से अपनी मांगों को अवगत कराता रहा है परंतु शासन द्वारा आज तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि सीमित औषधियों के प्रिसक्रिप्शन लिखने के अधिकार दिए जाने का प्रस्ताव पदनाम परिवर्तन का प्रस्ताव शासन में लंबित है, कार्य एवं दायित्व को देखते हुए वेतन उच्चीकरण की मांग पर वेतन कमेटी की रिपोर्ट पिछले 5 वर्षों से वित्त विभाग में धूल खा रही है। लगभग 20 वर्षों से भत्तों का पुनरीक्षण नहीं हो पा रहा है। शासन स्तर पर कई बार वार्ताओं में बनी लिखित समझौते के बाद भी उच्च पदों का सृजन नहीं हो पाया। पदों का पुनर्गठन ना होने से फार्मासिस्ट प्रोन्नत के लाभ से वंचित होकर सेवानिवृत्त हो जाते हैं। संवर्ग मे सृजित दो उच्च पद विशेष कार्याधिकारी फार्मेसी योग संयुक्त निदेशक फार्मेसी के एकल पद विगत 5 वर्षों से लंबित पड़ा है प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के लगभग 40 से अधिक पद एवं चीफ फार्मासिस्ट के सैकड़ों पद रिक्त हैं जिन पर पदोन्नति नहीं की गई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सा सुविधाएं 24 घंटे संचालित हो रही हैं परंतु मानक के अनुरूप मात्र दो पद फार्मासिस्ट सृजन का प्रावधान है जिसमें एक-एक फार्मेसिस्ट 24 से 48 घंटे काम कर रहा है। शासन द्वारा ड्रग वेयरहाउस बनाए गए हैं परंतु फार्मासिस्ट का पद सृजित नहीं किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों के अनुपस्थिति में फार्मासिस्ट चिकित्सीय कार्य करते हैं परंतु प्रभार भत्ता के नाम पर मात्र ₹75 प्रतिमाह दिया जाता है साथ ही चिकित्सीय कार्य को अभी तक मान्यता नहीं दी गई है। संघ का कहना है कि उनकी सभी मांगे न्यायोचित एवं जनहित में है, मांगों की पूर्ति होने से जनता को अच्छी गुणवत्ता एवं चिकित्सा सेवा प्राप्त होगी। संघ ने माननीय मुख्यमंत्री जी से हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि संघ आंदोलन नहीं चाहता परंतु शासन द्वारा उनके प्रति नकारात्मक रवैया अपनाए जाने से आंदोलन किया जाना मजबूरी बन रही है। संघ ने सभी मांगों पर निर्णय कर शासनादेश निर्गत करने की मांग की है। धरने में डॉ विजय श्रीवास्तव, डॉ अनिल वर्मा,डॉक्टर अनिल कुशवाहा, डॉ अवधेश कुमार यादव, डॉ राम प्रकाश चौधरी, डॉ भगवान सिंह कुशवाहा, डॉ नंदकिशोर पांडेय, डॉ सुभाष चंद्र ,डॉ बलवंत कुमार, डॉ साहिब जमाल ,डॉ आशुतोष कुमार गुप्ता, डॉ आशीष सिंह, डॉ बुद्धि लाल प्रसाद, डॉ विपिन सिंह, डॉ अनिल कुमार यादव, डॉ रंजन कुमार प्रजापति, डॉ मोहम्मद इमरान ,डॉ वीरेंद्र सिंह, डॉ प्रदीप पांडेय ,डॉ शशिकांत तिवारी,डॉ  राजीव कुमार श्रीवास्तव, डॉ शैल कुमार चौहान,डॉ सूर्यभान यादव,डॉ संतोष कुमार ठाकुर, डॉ अश्वनी कुमार,डॉ अनिल कुमार वर्मा द्वितीय,डॉ अजय सिंह, डॉ घनश्याम सिंह, डॉ संजय कुमार मिश्रा, डॉ देवेंद्र सिंह यादव,डॉ अंगद यादव, डॉ पंकज कुमार शुक्ला, डॉ अखिलेश कुमार कैथवार, डॉ कुंदन कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।

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