गौरवशाली स्वतन्त्रता संघर्ष का पुण्य स्मरण करना ही अमृतमहोत्सव का उद्देश्य

गाजीपुर। अमृतमहोत्सव का उद्देश्य, गौरवशाली स्वतन्त्रता संघर्ष का पुण्य स्मरण करते हुए स्वदेशी,स्वावलम्बी, स्वरोजगार, सर्वोदय और स्वशिक्षा की संकल्पना को साकार करना है।
       उक्त वक्तव्य पी जी कालेज भुड़कुड़ा में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष और कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ.सन्तोष कुमार मिश्र ने अपने सम्बोधन में व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत का स्वतन्त्रता आंदोलन एक महाअभियान था जिसमें जन-जन की भागीदारी समाहित रही, जिसके फलस्वरूप 15 अगस्त 1947 को देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त हुआ। यह आंदोलन सिर्फ मुट्ठी भर लोगों के प्रयास से नहीं बल्कि प्रत्येक भारतीय के भीतर ‘स्व’ के बोध और उनके प्रकटीकरण का परिणाम था। प्रत्येक गाँव के इतिहास की पड़ताल से यह जानकारी मिलती है कि बहुतेरे नाम सरकारी अभिलेखों में दर्ज नहीं हैं लेकिन स्वतन्त्रता आंदोलन में उनका भरपूर योगदान रहा है।
    ऐसा ही एक नाम सुभाष विद्यामन्दिर इण्टर कालेज बहरियाबाद गाजीपुर के संस्थापक प्रधानाचार्य स्वर्गीय बृजनाथ सहाय का रहा जिन्होंने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस द्वारा प्रकाशित अखबार लोगों तक पहुंचाकर उस समय जनजागृति का कार्य किया। उन्होंने स्वतन्त्रता के पश्चात 1948 में सुभाष विद्यामन्दिर की स्थापना करके शिक्षा की ज्योति जलायी। गाजीपुर जनपद के पश्चिमी छोर पर स्थित पलिवार मठ के तत्कालीन महन्थ स्वर्गीय धनराज पुरी जी ने भगवत भजन के लिए घरबार छोड़ा और सन्यासी का जीवन जीते हुए मातृभूमि के लिए जेल भी गए तथा अंग्रेजी सरकार द्वारा दी गई यातनाएं झेलीं।उनको स्वतन्त्रता के पश्चात भारत सरकार ने पहचानपत्र निर्गत किया तथा पेंशन भी स्वीकृत की गई। भाला ग्राम निवासी स्वर्गीय किशोर सिंह, गहनी के स्वर्गीय महीप यादव ने देश को स्वतन्त्रता दिलाने में योगदान दिया।जखनियां क्षेत्र के हरिप्रसाद सिंह कप्तान ने आजाद हिंद फौज में शामिल होकर नेताजी के नेतृत्व में आजाद हिंद सरकार के गठन में सहयोग किया। राष्ट्रीय फलक पर और स्थानीय स्तर पर भी स्वतन्त्रता आंदोलन में प्रतिभाग कर अपना सर्वस्व न्योछावर करने वालों का नामोल्लेख ,उनकी चर्चा,उनके योगदान को युवाओं को बताकर उनके अंदर देशभक्ति का भाव जगाया जा सकता है।              
    अमृत महोत्सव के माध्यम से हम ऐसे तमाम शहीदों और स्वातन्त्र्यवीरों के योगदान का पुण्य स्मरण करते हुए उनसे भावी भारत के नागरिकों को परिचित करा सकते हैं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के पचहत्तर वर्ष की यात्रा के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला यह अमृत महोत्सव स्वतन्त्रता संग्राम संघर्ष की महान गाथाओं, स्मृतियों और उनकी प्रेरणाओं से जुड़ने का सुअवसर प्रदान करता है। स्वतन्त्र भारत में पैदा हुई हमारी युवा पीढ़ी का चिंतन राष्ट्रोन्मुखी कैसे हो तथा गौरवशाली परम्परा से अवगत होकर दुनियां को भी इससे परिचित कैसे कराया जाय यह चिंतन भी हमे करना है।
     सुभाष विद्यामन्दिर के प्रधानाचार्य शिवबचन पांडेय की अध्यक्षता में सम्पन्न कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला प्रचारक कमलेश जी, विद्यालय के प्रबंधक अजय सहाय,सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश राम तथा शिक्षक गण प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नागेंद्र सिंह ने किया। मासपर्यन्त चलने वाले अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला में भारत माता की आरती और वन्देमातरम गायन के पश्चात भारत माता की झांकी को जनजागृति के उद्देश्य से गांव गांव के लिए रवाना किया गया।

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