कवियों ने बांधी समां, याद किए गए महात्मागांधी और लालबहादुर शास्त्री

गाजीपुर। दुल्लहपुर क्षेत्र के खड़ौरा गांव में कवि और गीतकार गौरी शंकर पांडेय सरस के आवास पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 152 वीं जयंती के अवसर पर “आज के परिवेश में गांधी के विचारों की प्रासंगिकता बिषयक विचार गोष्ठी के साथ सरस काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें  क्षेत्र के चर्चित कवियों और साहित्य कारों  ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्वांचल के जाने-माने वीर रस के प्रख्यात कवि पंकज प्रखर ने(राष्ट्र पिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री) के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। वक्ताओं ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने अगर देश को सत्य शांति और अहिंसा का पाठ पढ़ाया तो लालबहादुर शास्त्री जी ने ईमानदारी से जीने का सलीका सिखाया।  महात्मा गांधी के धैर्य के आगे ब्रिटिश सत्ता घुटने टेकने को अगर मजबूर‌ हुई तो पद का मद और धन की लालच ने पक्के गांधीवादी शास्त्री जी के अटल संकल्प को छू तक नहीं पाया। कार्यक्रम की शुरुआत गौरीशंकर पाण्डेय सरस की वाणी वंदना-“मां तेरे चरणों में रचना छंद अर्पित है “से हुआ।विनय विश्वात्मा ने देश की आजादी में गांधी जी के योगदान की चर्चा अपनी रचना के माध्यम से करते हुए कहा कि “बापू तेरे साहस का जबाब नही है।अब तेरे जैसा कोई तेरे बाद नहीं है”पढ़कर लोगों को दूर तक सोचने के लिए मजबूर कर दिया। मऊ जनपद से पधारे वीर रस के चर्चित युवा कवि पंकज प्रखर ने कहा कि “सागर की लहरों पे तेरा नाम लिखकर,मिटाने से पंकज कभी ना मिटेगा”
वरिष्ठ कवि और गीतकार विजय कुमार मधुरेश ने देश को मिली आजादी के बाद के हालात  पर अपनी कविता के माध्यम से प्रकाश डालते हुए लोगों का ध्यान खींचा और आज़ादी में बर्बादी को रेखांकित करते हुए कहा “उड़ते हुए पंछी गगन लूट रहे हैं, मरघट पे मुर्दे कफ़न लूट रहे हैं, जो लोग फूलों को बचाने की खाए थे कस्मे वे माली आज चमन लूट रहे हैं।” गौरीशंकर पाण्डेय सरस ने अपने कई व्यंग्य प्रधान मुक्तकों से राजनीति और समाज पर जोरदार चोट करते हुए कहा”डूब रही नैय्या मजधारे सबकुछ ठीक नहीं है। चिल्लाते हैं यात्री सारे सबकुछ ठीक नहीं है।खुद के घर में उठा पटक और मनमानी की हद देखो, राजनीति के गलियारे में सबकुछ ठीक नहीं है” कार्यक्रम में दिनेश शर्मा,सूरज पाण्डेय, सुदर्शन चिराग, नंदलाल नादान आदि ने भी काव्यपाठ किया। इस मौके पर मेजर हीरा लाल पाण्डेय, प्रेमचन्द,सुधीर दीपक, ए.के.पाण्डेय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता चंद्र कुमार पाण्डेय तथा संचालन आजाद ने किया ।

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