अवैध ढंग से हिरासत में रखने पर होगी कार्यवाही, पीड़ित को मिलेगा मुआवजा

भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21 का उल्लंघन करते हुये किसी व्यक्ति की हिरासत किये जाने के लिए उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही एवं पीड़ित व्यक्ति को मुआवजे के भुगतान के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया गया है।
   पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बताया गया है कि संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करते हुये किसी व्यक्ति की अवैध हिरासत किये जाने के लिए अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा जांच में दोषी पाये जाने पर उत्तरदायी अधिकारी के विरूद्ध उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999, दि आल इंडिया सर्विसेज (डिसिप्लीन एंड अपील) रूल्स, 1969 एवं उ०प्र० अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड और अपील) नियमावली, 1991(यथा संशोधित) में संगत नियमों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
    अनुशासनिक प्राधिकारी द्वारा अपनी जांच रिपोर्ट तीन माह में अथवा संगत नियमावली में यथा उल्लिखित समयानुसार प्रस्तुत की जायेगी।
    यदि किसी नागरिक की अवैध रूप से हिरासत प्रमाणित पायी जाती है तो पीड़ित व्यक्ति को रू. पच्चीस हजार की धनराशि का भुगतान मुआवजे के रूप में किया जायेगा।

Visits: 66

Leave a Reply