साहित्यकार डॉ० विजयानन्द को मिला “हिंदी अकादमी शिक्षारत्न सम्मान”

गाजीपुर। विकास खण्ड मनिहारी के ग्राम बखरा निवासी साहित्यकार डॉ.विजयानन्द को उनकी बहुमुखी साहित्य सेवा एवं हिंदी अकादमी मुंबई के कार्यक्रमों में सहभागिता के लिए ” हिंदी अकादमी शिक्षारत्न सम्मान ” से  सम्मानित किया गया है।
      उल्लेखनीय है कि साहित्यकार विजयानन्द प्रयागराज के हवेलिया में रहकर साहित्य साधनारत हैं। इनका प्रथम काव्य संग्रह सन्-१९८५ ई०में “संबोधन” नाम से प्रकाशित हुआ था और तभी से वे हिंदी साहित्य की अनवरत सेवा में संलग्न हैं। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. जगदीश गुप्त ने अपनी ” त्रयी ” पत्रिका में इन्हें सहयोगी संपादक बनाया था। आपका ” समरभूमि ” महाकाव्य भी खूब चर्चा में रहा है।अब तक हिंदी साहित्य की विभिन्न विधाओं में इनकी मौलिक तथा संपादित लगभग 81 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें उत्कृष्ट लेखन के लिए वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा “मोहन राकेश नाटक पुरस्कार” तथा वर्ष -2014 में “बाल साहित्य सम्मान” तथा हिंदुस्तानी एकेडेमी के भारतेंदु हरिश्चंद्र सम्मान -2020 से पुरस्कृत तथा देश- विदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

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