कोरोना ! तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर



पीडियाट्रिक वार्ड के संचालन के लिए प्रशिक्षण शुरू


गाजीपुर। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव तैयारी करने में जुटा हुआ है।
     इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में बाल रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन, चिकित्सा अधिकारी एवं कोविड-19 वार्ड में कार्यरत अन्य कर्मचारियों का छह  दिवसीय प्रशिक्षण वृहस्पतिवार को शुरू किया गया। प्रशिक्षण सत्र का शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जीसी मौर्य के द्वारा किया गया।     प्रशिक्षण के दौरान तीसरी लहर आने पर प्रभावित बच्चों को कैसे इलाज देकर बचाया जाए, इसकी ट्रेनिंग डॉ रवि शंकर वर्मा, चिकित्साधिकारी, करंडा और डॉ अभय कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ सैदपुर (मास्टर ट्रेनर) के द्वारा दी गयी । 
    एसीएमओ एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ उमेश कुमार ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा के निर्देश के क्रम में कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए एवं बच्चों के उपचार, प्रबंधन आदि के लिए पीडियाट्रिक कोविड केयर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें जिला चिकित्सालय, महिला जिला चिकित्सालय सहित अर्बन चिकित्सालय के स्टाफ को 24 व 25 जून को प्रशिक्षित किया गया। करंडा, देवकली, सैदपुर, मिर्जापुर, जखनियां, मनिहारी, सुभाकरपुर एवं बिरनो के कर्मचारियों का प्रशिक्षण 26 और 27 जून को होगा। मरदह, कासिमाबाद, मोहम्मदाबाद, बाराचवर, गोडउर,जमानिया भदौरा एवं रेवतीपुर के बाल रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी एवं चिकित्सा कर्मियों को 28 व 29 जून को प्रशिक्षण दिया जायेगा।
     उन्होंने बताया कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर को लेकर शासन पूरी तरह से गंभीर है। इसकी तैयारी पहले से ही की जा रही है। इसी के तहत जिला अस्पताल में 100 बेड, महिला चिकित्सालय में 25 बेड के अलावा सैदपुर, भदौरा, मोहम्मदाबाद एवं सादात पर 10 बेड का पीकू वार्ड बनाया गया है। प्रशिक्षण में शामिल जिला अस्पताल में कार्यरत डॉ स्वतंत्र सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में ट्रेनर के द्वारा वार्ड में भर्ती बच्चों के लिए लगने वाले उपकरण के प्रयोग के संबंध में जानकारी दी गई, इसके साथ ही किस उम्र के बच्चों में कितना ऑक्सीजन देना है, के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई। ऑक्सीजन लेवल की जानकारी के लिए पल्स ऑक्सीमीटर बच्चों में लगाने आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी।
      बाल रोग विशेषज्ञ को ट्रेनिंग के माध्यम से इन बच्चों के लिए किस तरह की इलाज की जरूरत एवं सावधानियां बरतनी होगी आदि के बारे में डॉ रवि शंकर वर्मा एवं डॉ अभय कुमार लखनऊ से ट्रेनिंग लेकर आए हैं और जनपद के चिकित्सा अधिकारियों एवं इससे संबंधित अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।

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